________________ . 23. हरिवंशपुराण - सर्ग 36/43-45 - पृ० 465 24. हरिवंशपुराण - सर्ग 42 / 88-89 - पृ० 510 25. हरिवंशपुराण - सर्ग 42/92-94 - पृ० 511 26. हरिवंशपुराण - सर्ग 50/4 - पृ० 583 27. हरिवंशपुराण - सर्ग 50/43 - पृ० 586 28. हरिवंशपुराण - सर्ग 52 / 83 - पृ० 602 29. हरिवंशपुराण - सर्ग 53/17 - पृ० 605 30. हरिवंशपुराण - सर्ग 53/25 - पृ० 605 31. हरिवंशपुराण - सर्ग 53/43 - पृ० 607 32. हरिवंशपुराण - सर्ग 36/55-56 - पृ० 467 33. हरिवंशपुराण - सर्ग 40/25-56 - पृ० 506 34. हरिवंशपुराण - सर्ग 44/4-16 - पृ० 533 35. हरिवंशपुराण - सर्ग 44/20-24 - पृ० 534 36. हरिवंशपुराण - सर्ग 44/26-32 - पृ० 535 37. हरिवंशपुराण - सर्ग 44/33-35 - पृ० 535 38. हरिवंशपुराण - सर्ग 44/36-42 - पृ० 536 / 39. हरिवंशपुराण - सर्ग 44/45-48 - पृ० 536 हरिवंशपुराण - सर्ग 33/27 - पृ० 406 हरिवंशपुराण - सर्ग 33/36 - पृ० 406 42. हरिवंशपुराण - सर्ग 33/170-71 - पृ० 417 43. हरिवंशपुराण - सर्ग 35/8 - पृ० 449 44. हरिवंशपुराण - सर्ग 60/5 - पृ० 707. हरिवंशपुराण - सर्ग 60/126 - पृ० 715 46. हरिवंशपुराण - सर्ग 61/203 - पृ० 754 हरिवंशपुराण - सर्ग 61/5-7 - पृ० 754 48. हरिवंशपुराण - सर्ग 61/2-3 - पृ० 754 49. हरिवंशपुराण - सर्ग 34/1 - पृ० 533 50. हरिवंशपुराण - सर्ग 37/117 - पृ० 566 51. हरिवंशपुराण - सर्ग 48/1-8 - पृ० 570 हरिवंशपुराण - सर्ग 48/69-72 - पृ० 573 53. हरिवंशपुराण - सर्ग 45/122 - पृ० 547