SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 43
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ . 32 : जैनधर्म के सम्प्रदाय - 14. आर्य इन्द्रदिन्न-आर्य सुप्रतिबद्ध के पश्चात् युगप्रधान आचार्य के रूप में आर्य इन्द्रदिन्न का नाम माना जाता है। 15. आर्य कालक-आर्य कालक का दूसरा नाम श्यामाचार्य है। इन्हें प्रज्ञापनासूत्र का कर्ता माना जाता है। आपका जन्म वी० नि० सं० 280 में हुआ था तथा वी० नि० सं० 376 में आप स्वर्गवासी हुए। 16. आर्य सिंहगिरि-आर्य कालक के पट्टधर आर्य सिंहगिरि माने . जाते हैं। 17. आर्य वज्रस्वामी-आर्य वज्रस्वामी का जन्म वी० नि०.सं. 496 में हुआ था। 88 वर्ष की आयु पूर्ण करके आप.वी. नि० सं० 584 में स्वर्गवासी हुए। 18. आर्यवज्रसेन-वज्रस्वामी के पश्चात् आर्य वनसेन युगप्रधान आचार्य हुए थे। 19. आर्य रक्षित–आर्य वज्रसेन के पट्टधर आर्य रक्षित वी० नि०सं० 597 में स्वर्गवासी हुए। वीर निर्वाण सं० 597 से वीर निर्वाण सं० 980 तक के आचार्यों की नामावली भी कल्पसूत्र में उल्लिखित है, किन्तु वीर निर्वाण सं० 609 में संघ भेद हो गया था अतः उसके बाद की नामावली हम यहां नहीं दे रहे हैं। कल्पसूत्र में इन आचार्यों के नामों के अतिरिक्त इनकी परम्परा में हुए, शाखा एवं कुल भेदों का भी उल्लेख हुआ है / श्वेताम्बर परम्परा के मान्य ग्रंथ नन्दीसूत्र में भी आर्य सुधर्मा से लेकर आर्य दुष्यगणि तक के आचार्यों का उल्लेख हुआ है।' इसमें ब्रह्मदीपक शाखा के अतिरिक्त किसी भी गण, कुल अथवा शाखा आदि का उल्लेख नहीं हुआ है। कल्पसूत्र स्थविरावली में गणों, शाखाओं एवं कुलों के उल्लेख निम्नानुसार हैं___ कल्पसूत्र स्थविरावली के अनुसार आर्य यशोभद्र के शिष्य आर्य भद्रबाहु के चार शिष्य हुए, उनमें से आर्य गोदास से गोदास गण निकला। उस गोदास गण की चार शाखायें हुई-(१) ताम्रलिप्तिका, (2) कोटिवर्षिका, (3) पौण्ड्रवर्द्धनिका और (4) दासीखर्बटिका / आर्य यशोभद्र के 1. नन्दीसूत्र, गाथा 22-31 2. कल्पसूत्र, अनु० आर्या सज्जन श्री जी म०, प्रका० श्री जैन साहित्य समिति, कलकत्ता, पत्र 334-345
SR No.004297
Book TitleJain Dharm ke Sampraday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year1994
Total Pages258
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy