________________ 22 : जनधर्म के सम्प्रदाय की पत्नी त्रिशला की कुक्षि में प्रतिस्थापित किया गया। महावीर के गर्भस्थ जीव को इस प्रकार प्रतिस्थापित करने का उल्लेख दिगम्बर परम्परा द्वारा मान्य किसी भी ग्रन्थ में नहीं मिलता है। इससे स्पष्ट होता है कि महावीर के गर्भ प्रतिस्थापन की मान्यता सिर्फ श्वेताम्बर परम्परा को ही मान्य है, दिगम्बर परम्परा को यह मान्यता स्वीकार नहीं है। __ महावीर के विवाह प्रसंग को लेकर भी दोनों परम्पराओं में मतभेद है। दिगम्बर परम्परा का मानना है कि महावीर के समक्ष विवाह का प्रस्ताव आया जरूर था, किन्तु अपनी वीतरागी वृत्ति के कारण उन्होंने विवाह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया और अविवाहित ही रहे। किन्तु श्वेताम्बर परम्परा का कहना है कि महावीर ने स्वयं तो विवाह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया था, किन्तु माता-पिता के आग्रह के कारण उन्होंने यशोदा नामक परम सुन्दरी से विवाह किया था। श्वेताम्बर परंपरा के मान्य ग्रन्थ आचारांगसूत्र द्वितीय श्रुतस्कन्ध एवं कल्पसूत्र में महावीर की पत्नी यशोदा, पुत्री प्रियदर्शना और दोहित्री शेशवती के नाम उपलब्ध होते हैं / 2 जो इस तथ्य के सूचक हैं कि उनका विवाह हुआ था। चाहे आचारांगसूत्र एवं कल्पसूत्र में महावीर के विवाह की घटना का स्पष्ट वर्णन नहीं हुआ हो, किन्तु आचारांगसूत्र में महावीर के जीवनवृत्त का वर्णन करते समय "विण्णाय-परिणयए" (विज्ञात-परिणय) शब्द प्रयुक्त हुआ है, वह स्पष्टतः महावीर के विवाह सम्पन्न होने के अर्थ में ही प्रयुक्त हुआ है, क्योंकि इसके आगे इसी ग्रंथ में यह भी कहा गया है कि वे बालभाव से मुक्त होकर उदासीन होकर पाँचों इंद्रियों के सुख भोगने लगे।" यह कथन भी महावीर के विवाह सम्पन्न होने का हो सूचक है। महावीर का निर्वाण ई० पू० 527 में 72 वर्ष की आयु में कार्तिक कृष्णा अमावस्या की रात्रि के अन्तिम प्रहर में हुआ।" इस सम्बन्ध में दोनों परम्परायें एकमत हैं। 1. कल्पसूत्रम्, 21-27 2. (क) आचारांगसूत्र, 2 / 15 / 744 (ख) कल्पसूत्रम्, 108-109 3. आचारांगसत्र, 2015 / 742 4. वही, 2 / 15 / 742 5. चौबीस तीर्थकर एक पर्यवेक्षण, पृ० 155-156