________________ चउसरणपइण्णयं : 56 मंदणुभावा बद्वा तिव्वणुभावाओ कुणइ ता चेव / असुहावो निणुबंधाओ कुणइ, तिव्वाओ मंदाओं / / 60 / / ता एवं कायव्वं बुहेहि निच्चं पि संकिलेसम्मि / होइ तिकालं सम्मं असंकिलेसम्मि 'सुकयफलं / / 61 / / . चउरंगो जिणधम्मो न कओ , चउरंगसरणमवि न कयं / 'चउरंगभवच्छेओ न कओ, हा ! हारिओ जम्मो / / 62 / / इय जीव ! पमायमहारिवीरभदंतमेयमज्झयणं / झाएसु तिसंझमवंझकारणं निव्वुइसुहाणं / / 63 / / / / इति कुसलाणुबंधज्झयणं सम्मत्तं / / 1. सुकइफ' सं0 ला0 / सुगइफ जे0 / / 2. भवुच्छे जे0 पु०।।.3. मेव (?त) म' जे0 ला0 पु०।। 4. बंधिज्झ जे० / /