________________ चउसरणपइण्णय : 50 निद्दलियकलुसकम्मो कयसुहजम्मो 'खलीकयकुहम्मो / पमुहपरिणामरम्मो सरणं मे होउ जिणधम्मो / / 44 / / कालत्तए वि न मयं जम्मण-जर मरण-वाहिसयसमयं / अमयं व बहुमयं जिणमयं च सरणं पवन्नो हं / / 45 || / . पसमियकामपमोहं दिहाऽ दहेसु न कलियविरोहं / सिवसुहफ़लयममोहं धम्म सरणं पवन्नो हं / / 46 / / . . नरयगइगमणरोहं गुणसंदोहं “पवाइनिक्खोहं / निहणियवम्महजोहं धम्म सरणं पवन्नो हं / / 47 / / भासुरसुवन्नसुंदररयणालंकारगारवमहग्धं / निहिमिव दोगच्चहरं धम्म जिणदेसियं वंदे 11 48 || 1. यअह' सा0 पु० / / 2. मह हो° पु० ला0 / / 3. निरयगइ° पु० / / 4.पवायनि जे०।।