________________ प्राच्यसाहित्यपुनःप्रकाशन-श्रेणी - ग्रन्थांक-७ भिन्न भिन्न विद्वत्कर्तृक एरमाहत विरुदरलंकृत-गुर्जरचौलुक्यचक्रवर्ति-नृपति कमारपाल चरित्र संग्रह -: दिव्याशीर्वाद :व्याख्यानवाचस्पति तपागच्छाधिपति में परमशासनप्रभावक-यूज्यपादाचार्यदेव श्रीमद विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा -; मार्गदर्शक :पू. आचार्य विजय पूर्णचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा पू. आचार्य विजय मुक्तिप्रभसूरीश्वरजी महाराजा -: पुनः प्रकाशक :श्री सुरततएगच्छ रत्नत्रयी आराधक संघ ट्रस्ट * विजय रामचन्द्रसूरि-आराधना भवन जोपीपुरा-सुरत