________________ [ 19 ] मंगल कामना पर एकमात्र बौद्ध-धर्म का ही आधिपत्य मानने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं है। किसी ग्रंथ के अंत में 'शुभमस्तु' लिखने की परिपाटी तो अब तक चली पाती है और प्रायः धर्मनिरपेक्ष ही मानी जा सकती है / उदाहरण के लिए श्वात्रेय-संहिता नादि अनेक ग्रंथों का उल्लेख किया जा सकता है। -फतहसिंह एम०ए०, डी.लिट.