________________ इद् -- उवः चान्द्रव्याकरणम् [135 इद् दरिद्र: 5 / 3 / 107 / / ईत् यति 5 / 3 / 76 / इनः स्त्रियाम् 4 / 4 / 140 / ईयसः 4 / 4 / 144 / इनः अचि लोपः 5 / 4 / 41 / ईयिवान् अनाश्वान् अनूचानः इन्द्र-वरुण-भव-शर्व-रुद्र-मडानाम् 112 / 75 / आनुक् च 2 / 3 / 48 / / ईयः यिः सन् वा 5 / 17 / इन्द्रियम् 4 / 2 / 67 / ईश्वरार्थात् अराज्ञः सभा 2 / 2 / 66 / इन्-हन्-पूष-अर्यम्णाम् सौ च ईश्वरे 4 / 1 / 56 / 5 / 3 / 12 / ईषदर्थे 5 / 2 / 123 / इमनिच् (उणादि) 3 / 83 / ईषद् गुणेन 2 / 2 / 21 / इयत् कियत् 4 / 2 / 44 / ईषत्-दुः-सुभ्यः खल् 113 / 103 / इरितो वा 1 / 174 / ई हलि तिङि अदा-धः 5 / 3 / 106 / इलज् देशे 4 / 2 / 106 / इवे वतिः 4 / 1 / 135 / उ: 6 / 2 / 26 / इवे संज्ञा-प्रतिकृत्योः 4 / 3 / 7 / / उक्तपुंस्कस्य टादौ वा 5 / 4 / 30 / इषि-भिदि-व्यधि-गृघि-धृषि-प-पृथि- उक्ष्णः 5 / 3 / 174 / ___मृदेः कुः (उणादि) 1 / 13 / उ-गवादिभ्यः यत् 4 / 1 / 2 / : इषु-गमि-यमां छः . 6 / 1 / 105 / उगितः 2 / 3 / 3 / इषेः क्तकन् (उणादि) 2 / 14 / / उगितः 5 / 2 // 44 // इषः अनिच्छायाम् 1 / 3 / 6 / / उग्र-असूर्याद् दृशः 1 / 2 / 21 / इष्टका-इषीका-मालानाम् . चित उञ् 5 / 1 / 130 / . तूल-भारिषु 5 / 2 / 74 / उञ्छति 3 / 4 / 26 / इष्टादिभ्यः 4 / 2 / 64 / उणादयः 1 / 3 / 1 / इष्ठ-इम-ईयःसु अन्त्याजादेः उत-अप्योः बाढाथै लिङ् 5 / 3 / 158 / 1 / 3 / 117 / इष्ठे यिक् च 5 / 3 / 161 / उता सवर्गः 1 / 1 / 2 / / इसुसुग्दोWः कः 5 / 4 / 4 / उतः असंयोगात् अधातोः . इसुसोः संबन्धे 6 / 4 / 37 / 5 / 3 / 100 / इस्-मन्-त्रन्-क्विषु 6 / 1 / 60 / उत्कः उन्मनाः 4 / 2 / 85 / उत्तरस्य 5 / 2 / 66 / ई घ्रा-ध्मोः . 6 / 2 / 8 / / उत्तरस्य 6 / 1 / 21 / ईच् च गणः 6 / 2 / 144 / उत्थापनादिभ्यः छः 4 / 1 / 132 / ईतः सोमः 6 / 4 / 66 / उत्सादिभ्यः अञ् 2 / 4 / 7 / / .. ईदूदेत् द्विवचनम् 5 / 1 / 125 // उद: ईत् 5 / 3 / 135 /