________________ अद्रौ -- अनस् ] चान्द्रव्याकरणम् [129 अद्रौ वा * 6 / 3 / 113 / अनपत्ये च 5 / 3 / 177 / अधः-शिरसोः पदे 6 / 4 / 41 / अनरे वा 3 / 2 / 56 / अधरात् चात् 4 / 3 / 40 / अनाम्नि ड्वुन् 4 / 1 / 37 / अधातो: कित् अतोऽसुपः आपि अनिङगमेः इट् 5 / 4 / 121 / 6 / 170 / अनियोगे एवे 5 / 1 / 66 / अधिकम् 4 / 2 / 76 / अनुः सामीप्य-आयामयोः 2 / 2 / 6 / अधीष्टौ 1 / 3 / 126 / अनुकरणम् 2 / 2 / 26 / अधृष्ट-अकार्ययोः शालीन-कौपीने अनुक-अभिक-अभीकम् कमिता 4 / 2 / 80 / 4 / 1 / 2 / अनुक्तपुंस्कात् आत् च 6 / 1 / 73 / अधेः शक्तौ 1 / 4 / 7 / अनुगवम् आयामे 4 / 4 / 66 / अध्यात्मादिभ्यः 3 / 3 / 26 / अनुगु अलम् 4 / 2 / 18 / अध्याय-अनुवाकयोलृक् बा 4 / 2 / 154 / अनुना 2 / 1 / 56 / अध्यायेष्वेव ऋषेः 3 / 3 / 41 / अनुपदं बद्धा 4 / 2 / 13 / अधि-उपरि-अधसां सामीप्ये 6 / 3 / 3 / अनुपदी अन्वेष्टा 4 / 2 / 65 / अध्रुवे स्वाङ्गे 1 / 3 / 146 / अनुपाख्ये 5 / 2 / 66 / अध्वर्युक्रतूनाम् अनपुंसकानाम् 2 / 2 / 51 / अनुवादे चरणानां स्था-इणो: लुङि अध्वानं यच्च . 4 / 2 / 16 / 2 / 2 / 50 / अनः 2 / 3 / / अनुशतिकादीनाम् 6 / 1 / 30 / अनः 4 / 4 / 11 / अनुस्वारः 6 / 4 / 7 / अनंशचिह्नम् इत् 1 / 1 / 5 / अनुस्वारस्य ययि यम् 6 / 4 / 151 / अनचि 6 / 4 / 142 / / अनृषुः गुरूपोत्तमाद् गोत्रे अणिो : अनञ्समासें क्त्वः ल्यप् 5 / 4 / 6 / . ष्यङ 2 / 3 / 82 / अनत्याधाने उरसि-मनसि-मध्ये - अनेकम् अन्यार्थे 2 / 2 / 46 / ___ पदे-निवचने 2 / 2 / 37 / अनेकाचः लिट: आम् कृ-भू-अस्तिलिट् अनद्यतने लङ 11277 / ___चानु 1 / 1 / 51 / अनद्यतने लुट् 1 / 3 / 3 / अनेहस्-अङ्गिरस्-अप्सरसः (उणादि) अननोः ज्ञः 1 / 4 / 113 / 366 / अनन्त-आवसथ-इतिह-भेषजात् ञ्यः अनः अन्ते च 6 / 4 / 118 / .. 4 / 4 / 10 / अनोः अव्याप्यात् .1 / 4 / 14 / अनन्त्यस्यापि प्रश्न-आख्यानयोः अनो लोपः 2 / 2 / 76 / / 6 / 3 / 130 / अनस्-अश्म-अयः-सरसां जाति-नाम्नो: अनन्त्येऽपि हे-है 6 / 3 / 117 / 4 // 4 // 76 / 17