________________ 3 / 21 / चान्द्रसूत्राणाम् . अकारादिक्रमेण संकलनम् / अइउण् प्रत्याहारसूत्र (शिवसूत्र 1) अग्र-अन्त-शुद्ध-शुभ्र-वृष-वराह-अहि-मूषिकअंशं हारी 4 / 2 / 74 / श्याव-शिखर-अरोकाद् वा / अंशात् ऋतोः 6 / 1 / 22 / 4 / 4 / 133 / अंशे संख्यायाः तयट 4 / 2 / 46 / अङ्गयुक्तं तिङ आकाङक्षम् 6 / 3 / 122 / अंहि-कम्पोः नलोपश्च (उणादि)* 1 / 55 / अङ्गि-मदि-मन्दि-कडे: आरन् (उणादि) अः सनाद्यन्तात् च 1 / 3 / 84 / अः स्त्री 2 / 2 / 77 / . अङ्गले: दारुणि 4 / 4 / 17 / अः स्थाम्नः 2 / 4 / 4 / / अङ्गल्यादिभ्यः ठक् 4 / 3 / 85 // अक-खादौ अषान्ते पाठे वा. 6 / 4 / 117 / अङ्गि-अतिभ्याम् उरि-इथिनौ (उणादि) अकाले स्वार्थे 5 / 2 / 100 / . 1 / 63 / अकृच्छे प्रिय-सुखयोर्वा 6 / 3 / / अच आदैज्झेतुः अरक्तविकारे 5 / 2 / 36 / अके राजन्य-मनुष्य-यूनाम् 5 / 3 / 166 / अचः 5 / 3 / 134 / / अकः अकि दीर्घः 5 / 1 / 106 / अचः 6 / 1 / 10 / अक्षात् ऊहिन्याम् 5 / 1 / 87 / अचित्ताद् अदेश-कालात् / 3 / 3 / 64 / अक्ष-इन्द्रे 5 / 1 / 122 / अचि वा 6 / 3 / 44 / अक्षो वा 1 / 1 / 67 / अचि श्नु-धातु-भ्रुवाम् य-वोः इय्-उवा अक्ष्णः अचक्षुषः 4 / 4 / 61 / अगस्तयः 2 / 4 / 112 / अचः र-हात् द्वे 6 / 4 / 141 / अगारान्तात् ठन् 3 / 4 / 71 / अचो वा 5 / 4 / 161 / अगिलस्य गिले 5 / 2 / 81 / अच्छ गत्यर्थ-वदिभिः 2 / 2 / 31 / अगुरौ आङः 1 / 1 / 111 / अचि अयुवौ 5 / 3 / 113 / अगेः निः (उणादि) 177 / अचि अवङ 5 / 1 / 121 / अगोत्रात् आदैजाद्यचः 2 / 4 / 10 / अच् अनाङ 5 / 1 / 127 / अग्नेः स्तुत् 6 / 4 / 68 / अजयम् संगतम् 1 / 1 / 116 / अग्नौ चित्या-उपचाय्य-परिचाय्याः अज-शङ्क-उत्तर-वारि-जङ्गल-कान्तारादिना 1 / 1 / 138 / - आहृते च 4 / 1 / 86 / अग्रहे अन्तः 2 / 2 / 28 / _अजागृ-णि-श्वीनां सिचि अतङि आदेच् अग्र-अन्त-पश्चात् इमच 3 / 2 / 83 / 6 / 1 / 3 / _* उणादिप्रकरणे केवलं पाद: न अध्यायः, अतस्तत्र प्रथमः अङ्कः पादसूचकः द्वितीयः सूत्र सूचकः / 5 / 3 / 83 /