________________ धातु० 533 ह्रगे - 584 बुध] चान्द्रव्याकरणम् [115 533 ह्रगे टंगे षगे ष्ठगे संवरणे। 558 भ्राज़ टुभ्रातृ टुभ्लाश दीप्तौ / (824-827) (875-877) 534 अक अग कुटिलायां गतौ / तङानिनः / (826, 830) 556 स्यम स्वन ध्वन शब्दे (878 535 कण रण गतौ (831, 832) 876, 881) 536 श्नथ क्रथ क्लथ हिंसायाम् / 560 षम ष्टम वैक्लव्ये। (882,883) (836, 838, 836) 561 ज्वल दीप्तौ / (884) 537 ज्वल दीप्तौ / (842) 562 चल कम्पने / (885) 538 ज्वल ह्वल ह्मल चलने / (843 563 जल धान्ये / (886) 844) 564 टल ट्वल वैक्लव्ये (887, 888) 536 स्मृ अध्ययने / (845) .. 565 ष्ठल स्थाने। (886) 540 दृ भये / (846) 566 हल विलेखने / (860) 541 न नये / (847) 567 णल गन्धे / (861) 542 श्रा पाके / (848 ). 568 पल गतौ / (862) 543 मारण-तोषण-निशानेषु ज्ञा। (846) 569 बल प्राणने / (893) 544 कम्पने चलि: / (850) 570 पुल महत्त्वे / (894) 545 ऊर्जने छदिः / (851) 571 कुल संस्त्याने / (865) 546 जिह्वोन्मन्थने लडि: / (852) 572 शल हुल पल पथे गतौ / 547 हर्ष-ग्लेपनयो: मदिः / (853) (866-868,600 ) 548 घटादयो मितः / 573 क्वथे निष्पाके / (866) 546 जनी-ज-क्नसु-रञ्जः अमन्ताश्च / 574 मथे विलोडने / (901) (862-866 ) 575 टुवम उगिरणे / (602) 550 ज्बल-ह्वल-ह्मल-नमाम् अप्रादीनां च। 576 भ्रम चलने / (903) (867) 577 क्षर संचलने / (904) 551 ग्ला-स्ना-वनु-वमां च / (868 ) अतङानाः / 552 न कमि-अमि-चमाम् (866) 578 षह मर्षणे / (605) .553 शमो दर्शने / (870) 576 रमु क्रीडायाम् / (606) 554 यमोऽपरिवेषणे / (871) ___ तडानिनौ। 555 स्खदेः अप-परिभ्यां च। (872) / 580 षद्ल विशरणे / (907) 556 फण गतौ / वृत् (873) 581 शद्ल शातने / (108) अतङानाः / 582 क्रुश आह्वाने (606) '557 राज दीप्तौ। (874) 583 कुच कौटिल्ये / (610) विभाषितः / 584 बुध बोधने / (611)