________________ 114] चान्द्रव्याकरणम् [धातु० 474 स्मिा -532 लगे 474 स्मिङ विहसने / (666) 503 क्षुभ संचलने (787) 475 गुङ अव्यक्ते शब्दे / (667) 504 णभ तुभ हिंसायाम् / (788, 476 गाङ गतौ / (668) 786) 477 घुङ कुङ कुङ उङ शब्दे। 505 स्रन्सु भ्रन्शु अवलंसने / (790,762) (1000, 666, 1002, 1001) 506 ध्वन्सु गतौ। (763). 478 च्युङ क्व्युङ ज्युङ झ्युङ पुङ 507 सन्भु विश्वासे / (764) प्लुङ रुङ गतौ / (1004-1008) 508 वृतु वर्तने / (765) 476 धृङ अवध्वंसने / (1006) 506 वृधु वृद्धौ। (766) 480 मेङ प्रतिदाने / (1010) 510 शृधु शब्दकुत्सायाम् / (767) 481 देङ रक्षणे / (1011) 511 स्यन्दू स्रवणे / (768) 482 श्यैङ गतौ / (1012) 512 कृपू सामर्थ्ये / वृत् / (766) 483 प्यङ वृद्धौ / (1013) 513 घट चेष्टायाम् / (800).. 484 त्रैड पालने (1014) 514 व्यथ दुःखे / (801) 485 पूङ पवने (1015) 515 प्रथ पृथु विस्तारे / (802) 486 मूङ बन्धने / ( 1016) 516 म्रद मृदु मर्दने / (804) 487 डीङ आकाशगमने (1017) 517 स्खद स्खदने / (805) 488 गुप् गोपने / (1016) 518 क्षजि दक्ष गतौ। (806, 807) 486 तिज निशाने / (1020) 516 क्रप कृपायाम् / (808) 460 मान पूजायाम् / (1021) 520 कदि ऋदि क्लदि वैक्लव्ये / 461 बध बन्धने / (1022) (806-811) 462 रभ आरम्भे / ( 1023 ) 521 त्वरा संभ्रमे / (812) 463 डुलभष् प्राप्तौ ( 1024 ) 522 घटादयः षितः तङानिनः / 464 ष्वन्ज परिष्वङ्गे / (1025) 523 ज्वर रोगे (813) 465 हद पुरीषोत्सर्गे। ( 1026 ) / 524 गड सेचने / (814) 466 द्युता दीप्तौ / (777) 525 हेड वेष्टने / (815) 467 श्विता वर्णे / (778) 526 वट भट परिभाषणे / (816,817) 468 मिदा विदा क्ष्विदा स्नेहने 527 नट नृतौ / (818) (776, 780) 528 चक तृप्तौ / (820) 466 रुच दीप्तौ / (781) 526 ष्टक प्रतीघाते / (816) 500 घुट परिवर्तने / (782) 530 कखे हसने (821) 501 रुट लुट प्रतीघाते / (783, 784) 531 रगे शङ्कायाम् (822) 502 शुभ दीप्तौ। ( 786 ) 532 लगे सङ्गे / (823)