________________ // नमो बुद्धाय // [आचार्यचन्द्रगोमिरचितः धातुपाठः ] 1 भू सत्तायाम् / (1) 1 25 चदि आहलादने (68) 2 चिती संज्ञाने / (36) 26 त्रदि चेष्टायाम् / (66) 3 अत सातत्यगमने / (38) 27 कदि ऋदि क्लदि आह्वाने / 4 च्युतिर् आसेचने / (40) (70-72) 5 श्युतिर् क्षरणे / (41) 28 क्लिदि परिदेवने / (73) 26 शुन्ध शुद्धौ / (74) 6 कुथि पुथि लुथि हिंसायाम् / 30 फक्क नीचैर्गतौ / (116) 31 तक हसने / (120) 7 मन्थ विलोडने / (43) 32 तकि कृच्छ्रजीवने / (121) 8 षिधु गत्याम् / (48) 33 शुक गतौ / (123) 6 षिधू शिष्टौ / (46) 34 बुक्क भषणे / (122) 10 खादृ भक्षणे / (50) 35 कक्ख हसने / (124) 11 खद स्थितौ / (51) 36 ओख राख लाख द्राक्ष ध्राखू .12 बद स्थैर्ये / (52) शोषणे / (125-126) 13 गद वचने / (53) 37 शाख श्लाख व्याप्तौ / 14 रद विलेखने / (54) 15 णद नई गर्द शब्दे / 55,57,58 (130, 131) 16 कर्द कुत्सिते शब्दे / (60) 38 उख णख वख मख रख लख * 17 तर्द हिंसायाम् / (56) रखि लखि इसि ईखि वल्ग 18 अर्द गतौ / (56) व्लगि रगि लगि अगि वगि मगि 16 खर्द दशने / (61) तगि त्वगि अगि श्रगि श्लगि इगि 20 अति अदि बन्धने (62, 63). रिगि लिगि गत्यर्थाः / 21 इदि परमैश्वर्ये / (64) / (132, 138, 134, 136, 22 बिदि अवयवे / (65) 140, 142, 141, 143, 145, . 23 णिदि कुत्सायाम् / (66) . 146, 152, 153-160, 16224 टुनदि समृद्धौ (67) 165) 1 पाणिनीयधातुपाठस्थितधातुमिः सह अस्य धातुपाठस्थितस्य धातोः सादृश्यप्रदर्शनाय एते अङ्का निदिष्टाः / यथा चिती धातुः अत्र धातुपाठे द्वितीयः स एव च पाणिनीये धातुपाठे एकोनचत्वारिंशत्तमः / . . 14