________________ 106] चान्द्रव्याकरणम् [धातु० 39 युगि-९१ शिट 36 युगि जुगि वुगि वर्जने / 66 गर्ज शब्दे / (244) __ (167-166) 67 तर्ज भर्त्सने / (245) 40 दघि पालने / (171) 68 खर्ज मार्जने / (247) 41 लघि शोषणे / (172) 66 तेज पालने / (246) 42 घग्घ हसने / (170) 70 गज मदे / (265) 43 शिघि आघ्राणे / (174) 71 खज मन्थे / (250) / 44 शुच शोके / (198) 72 खजि गतिवैकल्ये / (252) 45 कुच शब्दे / (166) 73 एज़ कम्पने / (253) 46 क्रुन्च गतौ / (201) 74 टुओस्फूर्जा वज्रनिष्पेषे / (254) 47 कुन्चु कौटिल्ये / (200) 75 क्षि क्षये / (255) 48 लुन्चु अपनयने / (202) .. 76 क्षीज कूज गुजि अव्यक्ते शब्दे / 46 अन्चु वन्चु मन्चु चन्चु तन्चु त्वन्चु ... (256) म॒न्चु म्लुन्चु चुचु म्लुचु गत्यर्थाः। 77 लज लाजि लाज लजि भर्त्सने / . (203, 204, 205-211) (257, 260, 256, 258) 78 जज जजि युद्धे / (261, 262) 50 ग्रुचु ग्लुचु कुजु खुजु स्तेये / / 76 तुज तुजि हिंसायाम् / (212-215) (263, 264) 51 ग्लुन्चु षस्ज गतौ / (216-217) 80 गज गजि गृज गृजि मुज मुजि 52 अर्च पूजायाम् / (216) / 53 म्लेछ अव्यक्ते वचने (220) शब्दार्थाः / (265-270) 54 लछ लाछि लक्षणे / (221,222) 81 अज वज व्रज गतौ / (248, 55 वाछि इच्छायाम् / (223) 271, 272) 56 आछि आयामे / (224) / 82 शौट गर्वे / (310) 57 ह्रीछ लज्जायाम् / (225) 83 यौट सम्बन्धे / (311) 58 हुर्छा कौटिल्ये / (226) 84 मेट म्लेट उन्मादने / 56 मुर्छा मोहे / (227) (314, 312) 60 स्फुर्छा विस्मृतौ / (228) 85 कटे वरणे / (315) 61 युछ प्रमादे / (226) 86 रट परिभाषणे / (316) 62 उछि उञ्छे / (230) 87 लट बाल्ये / (320) 63 उछी विवासे / (231) 88 शट विशरणे / (321) 64 धृजि ध्रजि ध्वजि गतौ / (237, 86 वट वेष्टने / (322) - 233, 236) 60 खिट उत्त्रासने (324) 65 अर्ज सर्ज अर्जने / (242, 243) 61 शिट षिट अनादरे / (325,326)