________________ पाठ-संपादन-जी-७१ 207 2015. कितिकम्मं 'पि य दुविधं, अब्भुट्ठाणं तहेव वंदणगं / समणेहि य समणीहि य, जहारिहं होति कातव्वं // 2016. सव्वाहिं संजतीहिं, कितिकम्मं संजताण कातव्वं / पुरिसुत्तरिओ धम्मो, सव्वजिणाणं पि तित्थम्मि // 2017. तुच्छत्तणेण गव्वो, जायति ण य संकते परिभवेणं / _अण्णो वि होज्ज दोसो, थियासु माहुज्जहज्जासु' / 2018. अवि य हु पुरिसपणीतो, धम्मो पुरिसो य रक्खितुं सत्तो। ___ लोगविरुद्धं चेयं, तम्हा समणाण कातव्वं // 2019. पंचज्जामो' धम्मो, पुरिमस्स य पच्छिमस्स य जिणस्स। .. मज्झिमगाण जिणाणं, चातुज्जामो भवे धम्मो // 2020. पुरिमाण दुव्विसोझो, चरिमाणं दुरणुपालओ कप्पो। मज्झिमगाण जिणाणं, सुविसोज्झो सुरणुपालो' य० // 2021. जड्डुत्तणेण हंदी", आइक्ख-विभागउवणता दुक्खं / सुहसम्मुयदंताण१२ य, तितिक्ख अणुसासणा दुक्खं / 2022. मिच्छत्तभावियाणं, दुवियड्डमतीण वामसीलाणं / 'आइक्खितु अतिदुक्खं"", उवणेउं वावि दुक्खं तु॥ . 2023. दुक्खेहि भच्छियाणं५, तणुधितिअबलत्तयो य दुतितिक्खं / एमेव दुरणुसासं, माणुक्कडयाय" चरिमाणं // 2024. एते चेव य ठाणा, सुपण्णउज्जुत्तणेण८ मज्झाणं / सुह-दुहउभयबलाण य, विमिस्सभावा भवे सुगमा // 1. x (ता)। 11. हंदि (बृ 6404) / 2. बृ 6398, पंक 1338 / 12. समुदिय' (बृ)। 3. बृ६३९९, पंक 1339 / 13. ‘त्तगोवि (मु)। 4. धियासु (पा, ब, मु)। 14. "क्खिउं विभइउं (बृ 6405) / . 5. बृ६४००। 15. भत्थिताणं (बृ 6406) / 6.. बृ 6401, सभी प्रतियों में इस गाथा के बाद 16. "धितीअ (पा, ब, ला)। 'किइकम्मो त्ति गयं' का उल्लेख है। 17. 'डओ य (बृ)। 7. पंचायामो (बृ 6402) / 18. सुप्पण्णुज्जु (बृ 6407) / 8. पंक 1340 / 19. सुहुमा (पा, ब, मु), इस गाथा के बाद सभी - 9. सुहणु' (पंचा 17/42) / प्रतियों में 'वए त्ति गयं' पाठ का उल्लेख है। / ' 10. तु. उ 23/27, बृ 6403, पंक 1341 /