________________ पाठ-संपादन-जी-७१ 205 1996. दुविधे गेलण्णम्मी', निमंतणारे दव्वदुल्लभे असिवे / ओमोदरिय-पदोसे, भए व गहणं अणुण्णातं // 1997. तिक्खुत्तो सक्खेत्ते, चउद्दिसिं मग्गिऊण कडजोगी। दव्वस्स य दुल्लभता, 'सागारियसेवणा दव्वे // 1998. 'केरिसगो तू* राया?, भेदा पिंडस्स के व? सिं' दोसा?। केरिसगम्मि व कज्जे, कप्पति काए व जतणाए? // 1999. मुदिते मुद्धऽभिसित्ते, मुदितो जो होति 'जोणिसुद्धो तु"। अभिसित्तो व परेहिं, सयं व भरहो जहा राया // . 2000. पढमगभंगे वज्जो, होतुवमा वावि जे भणित'• दोसा। . सेसेसु 'होतऽपिंडो'११, जहिं दोसा 'तं विवज्जेज्जा'१२ // 2001. असणादीया चतुरो, वत्थे पादे य कंबले चेव। पाउंछणगे य तधा, अट्ठविधो रायपिंडो तु३ // 2002. अट्ठविधरायपिंडं, अण्णतरागं तु जो पडिग्गाहे। __सो आणा-अणवत्थं, मिच्छत्त-विराधणं पावे // 2003. ईसर-तलवर- माडं बिएहिं सेट्ठीहिँ सत्थवाहे हिं। णितेहिं अइंतेहि य, वाघातो होति साहुस्स५ // 2004. ईसर भोइयमादी, तलवरपट्टेण तलवरो होति। वेट्ठणबद्धो६ सेट्ठी, पच्चंतणिवो७ तु माडंबी॥ 2005. जा णितिऽइंति 'ता अच्छतो'१८ तु सुत्तादि-भिक्खपरिहाणी। इरिया अमंगलं ति य, पेल्लाहणणा इहरहा तु॥ . 1. णम्मि वि (पंक 1305), णम्मिं (बृ 6379) / 10. तहिं (बृ 6383, नि)। 2. 'तणे (बृ)। . . 11. होति पिंडो (नि 2499) / 3. नि 2532, पंक 1299 / 12. जंति (नि), ते विवज्जति (बृ)। 4. जोयणम्मि (बृ 6380, पंक 1300) / 13. बृ 6384, नि 2500 / 5. "रिणिसेवणा ताहे (ब), नि 1174, इस गाथा के 14. बृ 6385, नि 2501 / ___ बाद प्रतियों में 'सेज्जायरे त्ति गयं' का उल्लेख है। 15. भिक्खुस्स (बृ 6386, नि 2502) / 6. “सगु त्ति व (बृ 6381) / 16. वेंटण (नि 2503), णवट्टो (मु)। ...7. से (ब)। 17. “तऽहिवो (बृ 6387) / 8. जोणितो सुद्धो (नि 2498) / 18. तावऽच्छणे (नि 2504) / '9. बृ 6382, पंक 1301 / 19. भिक्खहाणी य (बृ 6388) /