________________ पाठ-संपादन-जी-७,८ 756. आदीगहणेणं पुण, सड्ढा सण्णाय अहव ओसण्णा। दंसणगाहण निक्खामणं च' ओसण्णउच्छहणा // 757. एतेहि व कज्जेहिं, गुरुमूला णिग्गमो उ साधूणं / गाहा छ? समत्ता, अहुणा पुण सत्तमं वोच्छं / जं चऽण्णं करणिज्ज, जतिणो हत्थसयबाहिरायरियं। अवियडियम्मि असुद्धो, आलोएंतो तगं सुद्धो॥७॥ 758.. जं 'चऽण्णमवुत्तं'३ ती, करणिज्जं तं इमं तु खेत्तादी। हत्थसया आरेणं, परतो व इमं पवक्खामि // 759. खेत्तपडिलेह थंडिल, निक्खमणं अहव होज्ज सेहस्स। संलेहणं व कोई, आयरियादी व कुज्जा तु॥ 760. हत्थसयाउ परेणं, जं आयरियं तु होज्ज खेत्तादी। समितिविसुद्धिणिमित्तं, अवस्स आलोयणं कुज्जा / / 761. जं पुण हत्थसयाओ, अंतो आसेवितं हवेज्जाहि / तं विगडिज्जति किंची, अहव ण विगडिज्जती किंची // 762. पासवण-खेल-सिंघाणगादिउवयुत्ते नत्थि आलोया। आलोएति पमत्तोऽणालोइएँ होतऽसुद्धी" तु॥ 763. सत्तम गाह समत्ता, एत्तो वोच्छामि अट्ठमं गाहं / कारण निग्गम जत्थ तु, सपरगणाओ व आगमणं॥ कारणविणिग्गयस्स य', सगणाओ परगणं गतस्स वि य। उवसंपदा विहारे, आलोयण निरतियारस्स॥८॥ 764. दुविधो उ निग्गमो खलु, कारण निक्कारणा'२ व गच्छाओ। असिवादी कारणिओ, निक्कारण चक्क-थूभादी॥ 1. व्व (पा, ब, ला)। 2. एतो (पा, ला)। 3. चण्णे अवुत्तं (पा)। ४.थंडिलि (ला)। 5. ज्जाहिं (पा, ला)। ६.किंच (पा, ला), किंचि (मु, ब)। 7. सुद्धो (मु)। 8. निग्गमे (ब, ला)। 9. उ (ला), च सद्दो आलोयणाइपयं समुच्चिणइ (चू)। 10. "गणा (मु, ला)। 11. मणइया' (मु, पा)। 12. रणो (मु, पा, ब)।