________________ पाठ-संपादन-जी-१ 17 44. मज्झगतंऽतगतस्स य, ओहिण्णाणस्स को पतिविसेसो?। पुरतो अंतगतेणं, जोयण' संखेज्जऽसंखा वा // ___ पुरतो जाणति पासति, एस विसेसो उ मज्झअंतगतो। एवं तु मग्गतो ई', पासगतो चेव बोधव्वो / __ अणुगामिओ उ ओही, एमेसो वण्णितो समासेणं / एत्तो उ अणणुगामी, ओहिण्णाणं इमाऽऽहंसु॥ 47. जह णाम कोइ पुरिसो, एग महं अगणिठाण काउं जे। तस्सेव य पेरते, परिघोलणहिंडमाणो' तु॥ 48. तं चेव अगणिठाणं०, तत्थ गतो पासती ण अण्णत्थ / एवं जत्थुप्पज्जति, तत्थ ठितो जाण पासति वि॥ 49. ण वि जाणति अण्णत्था, संखमसंखे उ जोयणे जो उ। ओही तु अणणुगामी, समासतो एसमक्खातो॥ 50. अज्झवसाणेहिँ पसत्थएहिँ सुहवद्धमाणचारित्ते / उवरुवरिं सुझंते, समंततो वड्डते ओही२॥ तत्थ जहण्णादी तू, जाव उ३ उक्कोस ओहिणाणं तु। वडुंते परिणामे, गाहाहिँ इमं तु वोच्छामि // 52. जावइया तिसमयाहारगस्स सुहमस्स" पणगजीवस्स। ओगाहणा जहण्णा, ओहीखेत्तं जहण्णं तु५ // सव्वबहुअगणिजीवा, णिरंतरं जत्तियं भरिज्जंसु६ / खेत्तं सव्वदिसागं, परमोही खेत्तणिद्दिट्ठो॥ . 1. जोयणं (पा)। 2. ज्जा (पा)। 3. तु. नंदी 16 / 4. यी (ब), ई पादपूरण रूप अव्यय है। 5. च्चेव (पा, ला)। 6. इमेसो (ब)। 7. कोइं (पा)। 8. 'ट्ठाण (ला, ब)। . 9. माणं (पा, ब)। १०."णिट्ठाणं (ब)। 11. नंदी सूत्र में 'वद्धमाण' के स्थान पर 'वट्टमाण' पाठ मिलता है। 12. तु. नंदी 18 / 13. य (पा)। 14. सुहम (पा, ब, ला)। 15. आवनि 28, नंदी 18/1, विभा 588 / 16. ज्जंतु (पा, ब)। 17. आवनि 29, नंदी 18/2, विभा 598 /