________________ पाठ-संपादन-जी-१ फासेणऽब्भंगियमादि, फासतो अप्पगासें णाऊणं / इंदियपच्चक्खेणं, इय णाऊणं ववहरंति // 23. नोइंदियपच्चक्खो, ववहारो सो समासतो तिविहो। ओहि-मणपज्जवे या, केवलणाणे य पच्चक्खे // 24. अच्छउ ता ववहारो, ओहीमादीण लक्खणं तिण्हं / संखेवतो उ एतं', अस्सुन्नत्थं इमं वोच्छं / / तत्थोहिणाण पढम, सामित्ता कम-विसुद्धिओ होति / तो तं वोच्छ बहुविहं, केत्तिय भेदा भवे तस्स? / / संखातीताओ खलु, ओधीनाणस्स सव्वपगडीओ। काई भवपच्चइया, खओवसमिया य काओ वि // 27. किह संखातीताओ, पगडी ओहिस्स? भण्णते जम्हा। अंगुलअसंखभागा, आरब्भ पदेसवुड्डीए / उक्कोसेण मसंखा, जा लोगा होति खेत्तमाणेणं५ / काले वाऽऽवलियाए, असंखभागाउ आरब्भ // समउत्तरवुड्डीए', उक्कोसेणं असंख जाव भवे। ओसप्पिणि'-उस्सप्पिणिसमयपमाणा भवे पगडी॥ 30. इय होंति असंखाओ, ओहिण्णाणस्स सव्वपगडीओ। संखातीतग्गहणा, ण केवलं होतऽसंखेज्जा // 31. ता होंति अणंताओ, पोग्गलकायत्थिकायमहिकिच्च। संखातीतं ति ततो, असंख अणंता य गहिता हु // 32. सो पुण ओही दुविधो, भवपच्चइओ खओवसमिओ य। देवाण नारगाण य, नियमा भवपच्चओ ओही२ // १.व्य 4031 / 2. एय (पा), वेय (ला)। 3. आवनि 23 / 4. वड्डीए (पा, ब, ला)। 5. "णेण (ला)। 6. "खभंगाउ (पा), "खवासाउ (ला)। 7. “वड्डीए (पा, ब, ला)। 8. x (ला)। . 9. होंति (ब, मु)। 10. किच्चं (ला)। 11. छंद की दृष्टि से यहां 'ऽणंता' पाठ होना चाहिए। 12. तु. नंदी 7 /