________________ विषय-सूची 1274. आच्छेद्य दोष के भेद एवं उसके एवं उनके कथानक। प्रायश्चित्त। 1398-11. मायापिण्ड में आषाढ़भूति का 1275-82. अनिसृष्ट दोष की व्याख्या एवं उसके कथानक। प्रायश्चित्त। 1412-17. लोभपिण्ड में सिंहकेशरक क्षपक का 1283-86. अध्वतर दोष के भेद एवं उसके कथानक। प्रायश्चित्त। 1418-20. क्रोधपिण्ड आदि का प्रायश्चित्त / 1287-04. कोटि की परिभाषा एवं उसके भेद- | 1421-36. संस्तवपिण्ड की व्याख्या एवं उसके प्रभेद। प्रायश्चित्त। 1305-12. आहार से सम्बन्धित द्रव्य, क्षेत्र आदि | 1437. विद्यापिण्ड और मंत्रपिण्ड का का विवेक। प्रायश्चित्त। 1313. उद्गम दोष गृहस्थ से तथा उत्पादन | 1438. विद्या और मंत्र में अंतर। दोष-साधु से सम्बन्धित। | 1439-43. विद्यापिण्ड में भिक्षु उपासक का 1314-18. उत्पादन के निक्षेप एवं उसकी व्याख्या। कथानक। 1319, 1320. उत्पादना के सोलह दोष। | 1444-47. मंत्रपिण्ड में पादलिप्त और मुरुण्ड 1321-24. धात्रीपिण्ड की व्याख्या एवं उसके राजा का कथानक। प्रायश्चित्त। 1448-57. चूर्णपिण्ड में चाणक्य एवं क्षुल्लकद्वय 1325-40. दूतीपिण्ड की व्याख्या एवं उसके का कथानक। . प्रायश्चित्त। 1458-67. योगपिण्ड में आर्य समित और ब्रह्म१३४१-४९. निमित्तपिण्ड की व्याख्या एवं उसके द्वीपवासी तापस का कथानक। प्रायश्चित्त। 1468-70. मूलकर्म के भेद एवं उनके प्रायश्चित्त / 1350-61. आजीवनापिण्ड की व्याख्या एवं 1471-76. ग्रहणैषणा के भेद एवं दोष / उसके प्रायश्चित्त। 1477-89. शंकित दोष की व्याख्या। 1362-83. वनीपकपिण्ड की व्याख्या एवं उसके | 1490-11. म्रक्षित दोष की व्याख्या एवं उसके प्रायश्चित्त। प्रायश्चित्त। 1384-93. चिकित्सापिण्ड की व्याख्या एवं | 1512-45. निक्षिप्त दोष की व्याख्या एवं - उसके प्रायश्चित्त। उसके प्रायश्चित्त। .1394-97. क्रोधपिण्ड एवं मानपिण्ड की व्याख्या | 1546-56. पिहित दोष के प्रायश्चित्त /