________________ क्रम चित्र सूची क्रम विषय पृष्ठ संख्या क्रम विषय पृष्ठ संख्या अध्याय 1: लोक वर्णन के चित्र 9. जम्बूद्वीप के चार द्वार | 10. जम्बूद्वीप का द्वार प्रमाण चौदह राजुलोक का समग्र दर्शन 2. अनन्त अलोकाकाश के मध्य लोक 11. जम्बूद्वीप का दक्षिणार्ध और उत्तरार्ध भरत क्षेत्र 12. वैताढ्य पर्वत का परिमाण 3. पुरुषाकृति में लोक त्रिशराव सम्पुटाकृति में लोक 13. दीर्घ वैताढ्य पर्वत और नौ कूट लोक का घनाकार निकालने की आकृतियाँ 14. गुफाएँ, नदियाँ और प्रकाश मंडल 6. समचतुरस्र घनाकार लोक 15. पद्मद्रह 7. वलय से आवेष्टित लोक 16. गुफा का द्वार खोलता सुषेण सेनापति 8. वायु एवं जल पर स्थित पृथ्वी 17. चक्रवर्ती की षट्खण्ड विजययात्रा का क्रम 45 9. लोक का घनफल, राजू एवं तीनों लोकों के... 7 |18. चक्रवर्ती के चौदह रत्न | 10. रुचक प्रदेशों से निकलती दस दिशाएँ 8|19. चक्रवर्ती की नवनिधियाँ | 20 कालचक्र अध्याय 2 : अधोलोक के चित्र |21. गंगा-सिंधु के तट पर 72 बिल 1. अधोलोक 9 |22. शब्दापाती वृत्त वैताढ्य पर्वत 2. रत्नप्रभा पृथ्वी के तीन काण्ड 10 | 23. नदी की जिह्विका 3. प्रथम नरकावास का एक प्रस्तर 10 | 24. छह महाद्रह व उनसे निकलती 14 महानदियाँ 64 4. नरक पृथ्वियों का झालर जैसा आकार 13 | 25. पूर्व-पश्चिम महाविदेह तथा 5. आवलिका प्रविष्ट नरकावास देवकुरु-उत्तरकुरु क्षेत्र 6. प्रस्तर में आवलिका प्रविष्ट और प्रकीर्णक / 14 |26. महाविदेह क्षेत्र की एक विजय 7. सातवीं नरक के पाँच नरकावास 14 | 27. महाविदेह के चार मुखवन 8. रत्नप्रभा पृथ्वी के आंतरों में भवनपति | 28. जम्बूद्वीप के 190 विभाग | व व्यन्तर देवों के आवास 29. छप्पन अन्तर्वीप 9. 15 प्रकार के परमाधर्मी देव 30. अन्तर्वीप का प्रमाण अध्याय 3 : मध्यलोक के चित्र | 31. लवण समुद्र में गोतीर्थ और जल शिखा 1. व्यंतर और वाणव्यन्तरों के स्थान | 32. वेलंधर पर्वत 2. मेरुपर्वत और चार वन | 33. लवण समुद्र 3. भद्रशाल वन और उसके आठ विभाग | 34. महापाताल कलश 4. नंदनवन | 35. लघुपाताल कलश 5. पंडक वन पर अभिषेक शिलाएँ |36. लवण समुद्र में गोतीर्थ और जलवृद्धि 6. जम्बूद्वीप | जलशिखा और वेल 7. जम्बू वृक्ष 3337. धातकीखंड द्वीप 8. जम्बूद्वीप की जगती 34 | 38. कालोदधि समुद्र (xvii)