SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 134
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बाह्य आभ्यंतर मंडल में रात्रि-दिवस की हानि वृद्धि उत्तर उत्तर - पूर्व पश्चिम पश्चिम - पूर्व दक्षिण दक्षिण सर्वबाहा मंडल पहला मंडल 784वां मंडल सर्वबाह्य पहला मंडल जम्बू द्वीप जम्बू द्वीप 18 मुहूर्त की रात्रि 18 मुहूर्त का दिन 12 मुहूर्त का दिन महत की रात्रि रात्रि-दिवस की हानि-वृद्धि चित्र क्र.76 दिन 13 मुहूर्त रात्रि 17 मुहर्त्त कुंभ संक्रांति दिन 14 मुहूर्त रात्रि 16 मुहूर्त मीन संक्रांति दिन 12 मुहूर्त रात्रि 18 मुहूर्त मकर संक्रांति मेष संक्रांति रात्रि 15 मुहूर्त दिन 15 मुहूर्त फाल्गुन दिन 13 मुहूर्त रात्रि 17 मुहूर्त माघ समास धनु संक्रांति वैशाख वृष संक्रांति रात्रि 14 मुहूर्त दिन 16 मुहूर्त ज्येष्ठ आषाद मास ch दिन 14 मुहूर्त रात्रि 16 मुहूर्त वृश्चिक सक्रांति मकर संक्राति के दिन पौष मास में सबसे बड़ी रात होती है। अंग्रेजी ज्योतिष के अनुसार 23 दिसम्बर को सबसे बड़ी रात और 21 जून को सबसे बड़ा दिन होता है। 21 सितम्बर को दिन-रात / बराबर होते हैं। दिन व रात्रि का परिमाण चित्र में देखें। (चित्र क्रमांक 76-77) दक्षिणायन-उत्तरायण-वर्ष में दो अयन होते हैं-दक्षिणायन और उत्तरायण। श्रावण कृष्णा एकम से जब सूर्य संवत्सर प्रारम्भ होता है, तब से प्रथम के 6 मास, जिसमें दोनों सूर्य आभ्यन्तर मंडल से अंतिम 184वें मंडल की ओर प्रयाण करते हैं, तब तक अर्थात् 183 मंडल गति करने की 183 ही अहोरात्रियाँ दक्षिणायन की कही जाती हैं। माघ चित्र क्र.77 कृष्णा एकम से उत्तरायण की प्रथम अहोरात्री में सूर्य सर्वबाह्य के दूसरे अर्थात् 183वें मंडल पर परिभ्रमण करता है। उसके बाद 183 से प्रथम मंडल की ओर गति करते हुए सूर्य की 183 अहोरात्रियाँ उत्तरायण की कही जाती है। अर्थात् सूर्य का सर्वबाह्य मंडल से सर्वाभ्यन्तर 112 -sa-GARAasसचित्र सचित्र जैन गणितानुयोग मिथुन संक्रांति रात्रि 13 मुहूर्त दिन 17 मुहूर्त कार्तिक Lobil's 221 दिन 15 मुहूर्त रात्रि 15 मुहूर्त तुला सक्रांति ALL KLE 491 ZL KUT Ah 81 h EL KW ALL /
SR No.004290
Book TitleJain Ganitanuyog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayshree Sadhvi
PublisherVijayshree Sadhvi
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy