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________________ भरत क्षत्र जीवा चूलहिमवंत पर्वत हेमवय क्षेत्र जम्बूद्वीप 400 यो 500 यो. 600 यो. लवण समुद्र में अन्तीपों की स्थिति का दर्शन 700 यो. 1800 यो. लवण समुद्र 900 यो 8400 यो 900 यो. वृत्त विष्कंभ 900 यो. 800 यो. पहला 56 अन्तीपों के सात चतुष्क चित्र क्र.51 दिशा दूसरा तीसरा चौथा पाँचवा / छठा / सातवाँ चतुष्क चतुष्क चतुष्क || चतुष्क चतुष्क चतुष्क चतुष्क ईशान एकोरूक | हयकर्ण आदर्शमुख | अश्वमुख | अश्वकर्ण उल्कामुख | घनदन्त आग्नेय आभासिक | गजकर्ण | मेंढक मुख | हस्तिमुख | सिंहकर्ण | मेघमुख लष्टदन्त नैऋत्य वैषाणिक | गोकर्ण | अयोमुख / सिंहमुख | अकर्ण विद्युत्मुख | गूढदन्त / वायव्य नाड्गलिक शष्कुलीकर्ण | गोमुख - व्याघ्रमुख | कर्ण प्रावरण | विद्युत्दन्त | शुद्धदन्त विस्तार लं. चौ. 300 400 500 600 700 800 900 योजन में जगती से दूरी | 300 400 500 600 700 800 900 परिधि 949 1265 1581 1897 2213 2529 2845 56 अन्तर्वीप व अकर्मभूमि की तालिका ____ स्थान देहमान आयुष्य आहारदिन आहार परिमाण पसली अपत्य पालन 56 अन्तरद्वीप 800 धनुष | पल्योपम का | एक दिन के | आँवले के बराबर 64 | 79 दिन असंख्यभाग | अन्तराल से हिमवन्त, हिरण्यवंत | 1 गाउ | 1पल्योपम | एक दिन के | आँवले के बराबर 64 | 79 दिन अन्तराल से हरिवर्ष, रम्यक् वर्ष | 2 गाउ 2 पल्योपम दो दिन के | बेर के बराबर . | 128 | 64 दिन अन्तराल से देवकुरू, उत्तरकुरू | 3 गाउ | 3 पल्योपम | तीन दिन के | तुअर के दाने के बराबर | 256 | 49 दिन अन्तराल से सचित्र जैन गणितानुयोग 83
SR No.004290
Book TitleJain Ganitanuyog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayshree Sadhvi
PublisherVijayshree Sadhvi
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size38 MB
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