________________ फरीदपुर का प्रार्थनारत ताड़ वृक्ष जयपाल (Croton) के हस्ताक्षर अधिक दृढ़ मालूम पड़ते हैं। अवश्य ही यह अपने चित्र ३४--पर्ण-अभिलेखक अक्षरों की मात्राएँ अधिक दृढ़ता और निश्चयपूर्वक अंकित करता है। इस प्रकार विशेष हस्तलिपि द्वारा कोई भी पौधा पहचाना जा सकता है। अतः यदि देखा जाय तो वनस्पति जगत निष्क्रिय नहीं है बल्कि पूर्णतया अनुक्रियाशील है। प्रौढ़ और देखने में अनमनशील वृक्ष भी स्वल्पातिस्वल्प बाह्य परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील हैं। यहाँ तक कि यदि आकाश से बादल गुजर रहे हों तो ये एक निश्चित गति द्वारा इस परिवर्तन का संकेत दे देते हैं / इससे "सामान्य" और "संवेदनशील" वनस्पति का मनमाने रूप से किया गया भेद भी समाप्त हो जाता है, प्रश्न केवल