________________ 37 विद्युत्-अनुक्रिया शक्ति के निम्नन (Depression) या विनाश का स्पष्टतम संकेत देता है। इसका आश्चर्यजनक उदाहरण एक मामले का निम्नांकित अभिलेख है जिसमें वनस्पतिप्रकोष्ठ में वाष्प जनित द्रवदहन द्वारा पौधे की क्रमशः मृत्यु हो गयी। पहले दो अभिलेख कमरे के तापमान में, जो 20 सें० था, लिये गये / क्रमशः वाष्प छोड़ी गयी, इससे प्रथम तो क्षणिक उद्दीपना हुई, फिर तीव्रता से ह्रास होने लगा और अन्ततः द्रवदहन द्वारा मृत्यु होने पर अनुक्रिया पूर्णतया लुप्त हो गयी (चित्र 26) / ulu चित्र २६-वाष्प द्वारा अनुत्रिया की समाप्ति / पहली दो अनुक्रियाएँ (बायीं) 17deg सें० तापमान पर हुईं। तब वाष्प दी गयी। 5 मिनट बाद गाजर की मृत्यु हो गयी और अनुक्रिया समाप्त हो गयी। दाहिनी ओर की उदग्र रेखा 0 1 वोल्ट बताती है। ऊतकों की जीवन-दशा की परीक्षा है-विद्युच्चरता (Electro-motility) यानी उददीएना द्वारा विद्युत-प्रेरक परिवर्तन दिखाने की शक्ति / प्राणि-ऊतकों में इस प्रकार की प्रतिक्रियाएँ तो बहुत पहले ही से ज्ञात थीं किन्तु अब यह भी ज्ञात हुआ है कि वनस्पति में भी उसी प्रकार की प्रतिक्रिया होती है। इस परीक्षा से हम यह प्रमाणित कर सके हैं कि पौधे का प्रत्येक अंग संवेदनशील है। और एक निश्चित विद्युत्-अनुक्रिया द्वारा प्रत्येक उद्दीपना का उत्तर देता है। यह भी दिखाया जा चुका है कि श्रान्ति, उच्च या निम्न तापमान और विषों के प्रयोग द्वारा होने वाली विद्युत्-अनुक्रिया में आपरिवर्तन ठीक उसी प्रकार के होते हैं जैसे कि पशु-ऊतक में।