________________ वनस्पति-लिपि 11 प्रतिस्वन-अभिलेखक _ मैंने अभी तक सही वनस्पति अभिलेख पाने की एक गम्भीर कठिनाई का उल्लेख नहीं किया है / जहाँ तक पेशी का सम्बन्ध है, सिकुड़न में काफी बल रहता है इसलिए अभिलेख तल पर रगड़ प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होती। परन्तु वनस्पति में चर अंग का खिंचाव क्षीण होता है। यदि उत्तोलक को धूमित कांच के साथ लगातार जुड़ा रहने दिया जाय तो उसकी गति को रोकने या बदलने के लिए यथेष्ट होगा। संस्पर्श यदि स्थायी न होकर रुक-रुक कर हो तो यह कठिनाई दूर हो सकती है, और इस तरह एक सतत रेखा के स्थान पर अभिलेख में बिन्दुओं की CHIVE at Www.000000AM A WowNION PAROIN चित्र ६--अनुनादी अभिलेख का ऊपरी भाग। (एक विचित्र से / ) एक श्रेणी बनेगी / यह मेरे प्रतिस्वन-अभिलेखक द्वारा निष्पादित किया जा चुका है, (चित्र 6) जिसका सिद्धान्त सांवेदनिक कम्पन पर आधारित है। यदि दो वायलिन के तार एक स्वर में मिलाकर रखे जायें तो एक वायलिन पर छेड़ा गया स्वर दूसरे में भी सहानुभूति के कारण कम्पन उत्पन्न कर देगा। मान लीजिये हम अभिलेखक 'ब' को एक सेकेण्ड में सौ बार कम्पन करने के हिसाब से