________________ 162 वनस्पतियों के स्वलेख वाहिनी-पूल (Vascular Bundles) सूक्ष्म शाखाओं में विभाजित रहता है, केवल वायु में कार्बन एसिड गैस से कार्बन को स्थिर करने के लिए ही एक विशिष्ट संरचना नहीं है। यह प्रकाश की उद्दीपना के लिए एक ग्रहण-आस्थान भी है। प्रकाश का उद्दीपक प्रभाव दीर्घतर तंत्रिका-स्कंधों में वनस्पति के भीतर पारेषण के लिए संचित होता है। भीतर वाहिनी-पूलों का ऐसा विभाजन है कि इन तंत्रिका-वाहिकाओं द्वारा ले जायी गयी उत्तेजना से उद्दीप्त होने के लिए कोई भी जीवित ऊतक -पिण्ड बचा नहीं रह सकता। इस प्रकार वनस्पति का समस्त भाग तंत्रिका-योजना से पोषित होता है। इस तंत्रिका-योजना में परस्पर अत्यधिक घनिष्ठ और द्रुत संचरण होता है / तंत्रिकातंत्र की उपस्थिति के कारण ही पौधा स्वयं में एक संघटित समग्र है, जिसका प्रत्येक भाग किसी अन्य भाग पर पड़ने वाले प्रभाव से प्रभावित होता है।