________________ 172 वनस्पतियों के स्वलेख में बिलियन का अर्थ 1000 मिलियन होता है)। कतिपय पदार्थों में 2 बिलियन में एक भाग ने शतप्रतिशत सक्रियता बढ़ायी। जब घोल की शक्ति एक विशेष मात्रा से अधिक हुई तो सक्रियता घट गयी। गल-ग्रन्थि (Thyroid gland) के मिश्रित निस्सार-एक बिलियन में एक भाग-के घोल द्वारा 70 प्रतिशत सक्रियता बढ़ी। गलग्रन्थि निस्सार की क्रिया में ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि मिश्रण की एक निशिचत मात्रा तक कोई भी सक्रियता स्वाभाविक से नीचे नहीं हुई। आयोडीन (Iodine) . की तनिक मात्रा का प्रभाव भी प्रायः इसी प्रकार का था। प्रथम दृष्टि में यह सोचा भी नहीं जा सकता कि कतिपय रासायनिक पदार्थों की सूक्ष्मतम मात्रा का जीवन-सक्रियता पर ऐसा शक्तिशाली प्रभाव होगा। रासायनिकों की लघु मात्रा का कार्बन-परिपाचन पर पड़ने वाले प्रभाव का तत्काल और मूर्त प्रदर्शन विशेष रोचक है क्योंकि इससे हमें विटामिनों की पार-माप्य (Ultra-measurable) मात्रा का सामान्य परिपाचन पर प्रभाव, और साथ ही शारीरिक अभिक्रिया पर हारमोन (Hormones) के प्रभाव को समझने में सहायता मिलती है। सूर्य की ऊर्जा के संचयन में हरे पौधों की प्रवीणता ... ऐसा कहा जा सकता है कि आधुनिक काल का आर्थिक जीवन एक सीमा तक सूर्य की ऊर्जा के उपयोग पर निर्भर करता है। सूर्य की ऊर्जा अतीतकाल से वनस्पति-जीवन में संचित होती आयी है। पौधे की शरीर-रचना में संचय करने की कितनी दक्षता है ? अब तक इसे बहुत ही मन्द माना गया है-एक प्रतिशत से भी कम / किन्तु इस निष्कर्ष के लिए जो प्रणाली अब तक काम में लायी गयी है, वह न्यूनाधिक दोषपूर्ण रही है। इसलिए मैंने नयी और संवेदनशील प्रणालियों द्वारा फिर से इसका सावधानीपूर्वक पुनर्निश्चय आरम्भ किया। मेरे चुम्बिक विकिरणमापी (Magnetic radiometer) द्वारा आपाती सूर्य-ऊर्जा सावधानी से निश्चित की गयी और पौधे द्वारा संचित ऊर्जा का भी यथार्थ माप हुआ। सामान्य रूप से जैसा सोचा जाता था, दक्षता उससे कहीं अधिक 7.4 प्रतिशत तक निकली। एक साधारण वाष्प-इंजन की रूपान्तरण-दक्षता से प्रकाश संश्लेषी अंग (Photo syntheticorgan) की रूपान्तरण दक्षता की तुलना बहुत रोचक है। वाष्प-इंजन में कोयले की शक्तिशाली ऊर्जा गतिशीलता की गतिक ऊर्जा में रूपान्तरित होती है, दूसरे में विकिरण की गतिक ऊर्जा सम्मिश्र रासायनिक यौगिकों की शक्तिशाली ऊर्जा में / प्रकाश-संश्लेषी अंग की दक्षता वाष्प-इंजन की दक्षता से प्राय: आधी समझनी चाहिये / अन्ततः सूर्य के प्रकाश को संचित करने के लिए पर्णहरित उपकरण (Chlorophyll apparatus) बनाना शायद कोई बहुत अव्यावहारिक प्रस्ताव नहीं होगा।