________________ 136 वनस्पतियों के स्वलेख स्पन्दित कोशाओं से स्पर्श हो गया था। उसको तने के अन्दर जितना ही अधिक ले जाया गया, स्पन्दन-क्रिया द्रत गति से अदश्य हो गयी। जब स्कंध में एक तिरछी काट शलाका के मार्ग में बनायी गयी तो देखा गया कि अधिकतम सक्रियता तब हुई जब शलाका ने तरुण संवहनीय ऊतक (Vascular tissues) से लगे हए छिलके के आन्तरिक स्तर का स्पर्श किया। काष्ठ के साथ शलाका के स्पर्श से स्पन्दन नहीं हुआ। इससे यह प्रमाणित हुआ कि मृत काष्ठ रस-उत्कर्ष में कोई सक्रिय भाग नहीं लेता। राजिका (Brassica) के पर्णवन्त के ऊतकों के विभिन्न स्तरों का सम्बन्धित स्पन्दन चित्र 76 में दिया गया है। इसका मोड़ यह प्रदर्शित करता है कि सक्रियता 'C' आन्तरिक छिलके पर अधिकतम है। चित्र ७७-आन वृक्ष के ___ गैलवनोमीटर से प्रतिबिम्बित सांकेतिक प्रकाश- स्पन्दन का अभिलेख / बिन्दु अपने दाहिने और बायें प्रदोलन की गति द्वारा पौधे की आन्तरिक सक्रिय चित्र ७८--क्रमिक शुष्कता और सिंचाई से वैद्युत स्पन्दन के अभिलेख / नीचे बिन्दुमय रेखा शुष्कता की दशा का निरूपण करती है, सतत रेखा ताजी सिंचाई का।