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________________ 120 वनस्पतियों के स्वलेख है। इस प्रकार बढ़ने की गति घटने की गति से कहीं तीव्रतर है। शीतकाल में निम्नतम तापमान आधा घंटा बाद और अधिकतम आधा घंटा पहले पहुँचता है। पुष्प की गति पर तापमान का प्रभाव स्पष्ट जानने के लिए पंखुड़ियों और तापमान का परिवर्तन, दोनों का ही चौबीस घंटे का दैनिक अभिलेख लेना आवश्यक है। स्वतः अभिलेख द्वारा एक ही पट्ट पर दोनों अभिलेख साथ-साथ लिये जाते हैं। पूर्व अभिलेख (चित्र 65) में ऊपरी मोड़ तापमान का दैनिक परिवर्तन दिखाता है, नीचे के मोड़ में संवादी मोटे बिन्दु दोनों आवश्यक परिवर्तनों का समय बताते हैं। अब हम देखेंगे कि पुष्प की गति की तापमान के परिवर्तन-वन से कितनी अधिक समानान्तरता है / यह समानान्तरता बहुत ही विस्मयकारी है। अब कोई Temperature Falling Flower Opening 12 NOON चित्र ६५--कुमुद की पंखुड़ियों का दैनिक अभिलेख / सन्देह नहीं रह जाता कि पुष्प के खुलने और बन्द होने का कारण तापमान का दैनिक परिवर्तन है। पुष्प दिन को सोने की स्थिति में रहता है। छः बजे संध्या से तापमान तीव्रता से गिरने लगता है और पंखुड़ियाँ खिलने लगती हैं, पहले धीरे-धीरे फिर शीघ्रता से। 10 बजे रात्रि तक पुष्प पूरा खिल जाता है। तापमान यद्यपि गिरता ही जाता है किन्तु अधिकतम के पश्चात् और विस्तार सम्भव नहीं है। प्रायः छः बजे प्रातः तापमान बढ़ने लगता है / इसलिए बन्द होने की विपरीत गति आरम्भ होती
SR No.004289
Book TitleVanaspatiyo ke Swalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Vasu, Ramdev Mishr
PublisherHindi Samiti
Publication Year1974
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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