________________ रसायन आयुर्वेद शास्त्र में रसायन का बहुत बड़ा महत्व है / आयुर्वेद शास्त्र में ऐसी बहुतेरी सुलभ और सर्वत्र सहज ही में प्राप्त होने वाली औषधियाँ भी हैं, जिनका उपयोग कर साधारण-से-साधारण व्यक्ति भी संयमपूर्वक रहने से उत्तम स्वास्थ्य और अतुल बल-वीर्य से युक्त होकर चिर-यौवन प्राप्त कर सकता है / रसायन औषधियाँ दो प्रकार की होती हैं। उनमें एक तो ऐसी होती हैं, जो स्वस्थ शरीर में बल, वीर्य और ओज धातु की वृद्धि करती हैं; और कितनी ही दूसरे प्रकार की औषधियाँ ऐसी भी हैं जो रोग मात्र को ही नष्ट करने की शक्ति रखती हैं / जो औषधियाँ स्वस्थ शरीर में बल, वीर्य और ओज की वृद्धि करती हैं, वे ही रसायन के नाम से प्रसिद्ध हैं / रसायन औषधियाँ विशेष कर नीरोग मनुष्य के ही लिए कही गई हैं / एवं अनेक व्याधिग्रस्त मनुष्यों को भी विधिपूर्वक सेवन कराने पर उनके समस्त रोगों को शमन करके वे अपूर्व आरोग्यता प्रदान करती हैं / चरकाचार्य का कथन है / प्रायः प्रायेण रोगाणां द्वितीयं प्रशमे मतम् / प्रायः शब्दो विशेषार्थे ह्यत्ययं हुयभयार्थकृत् // रसायन प्रायः सब प्रकार के रोगों को नष्ट करता है / 'प्रायः' नोरोग मनुष्य के बल और ओज को भी बढ़ाता है / रोगी मनुष्य के रोग को भी नष्ट करता है। रसायन दोनों ही अर्थ करता है। प्राम