________________ रसायन और वनस्पति ___ जो लोग जिस देश में जन्म लेते हैं, उन्हें उसी देश की औषधियाँ अधिक लाभदायक होती हैं। हमारे देश में औषधियों की कमी नहीं है / काष्ठादिक और रसादिक औषधियों के इतने अधिक विधान और प्रयोग हैं; जितने अन्य देशों में कदाचित ही होंगे। हम प्रतिदिन देखते हैं कि हमारे यहाँ की वनस्पतियाँ यूरोप जाती हैं और वहाँ से सुसंस्कृत होकर हमारे ही हाथों सौगुने दामों पर बिकती हैं और कभी-कभी तो लाभ के स्थान पर भयंकर हानि करती हैं। इस प्रकार हमारे करोड़ों रुपए विदेश चले जाते हैं। यह कितने आश्चर्य और लज्जा की बात है ! रसायन और वनस्पति अब रसायन और वनस्पतियों के गुणावगुण पर भी विचार करना होगा। वनस्पति चिकित्सा तो अति प्राचीन है ही, इसमें सन्देह करने की आवश्यकता नहीं। किन्तु चिकित्सकों की अज्ञानता से आज वह लुप्त प्राय हो रही है, और रस चिकित्सा का दौर-दौरा दीख पड़ता है / इस चिकित्सा का प्रभुत्व स्थापित होने के मुख्य तीन कारण हैं। १-वनस्पतियों की अनभिज्ञता, २-वनस्पतियों की निर्वीयता तथा ३-भारतीयों की शक्तिहीनता / इन्हीं कारणों से रस चिकित्सा का विकास हुआ।