________________ सौंफ-चिकित्सा यदि आप सौंफ-जैसे पदार्थ से सम्पूर्ण रोगों का नाश करना चाहते हैं, यदि आप यह जानना चाहते हैं कि सौंफ का उपयोग कैसे करना चाहिए, तो 'सौंफ-चिकित्सा' को मंगाकर एकबार अवश्य पढ़िये। इसका प्रत्येक शब्द हृदय-पटल पर अंकित करने लायक है। इसके पढ़ लेने से प्रमेह, प्रदर, मूत्ररोग, अजीर्ण, विसूचिका, रक्तपित्त, हिचकी, श्वास, अतीसार और ज्वर आदि रोगों को श्राप सौंफ द्वारा ही भगाने में समर्थ हो जायेंगे। भाषा सरल, छपाई और सफाई मनोहर है। पृष्ठसंख्या 64, मूल्य / / ___"इसमें 'सौंफ' किन-किन रोगों में और कितनी मात्रा में लाभ पहुँचाती है, इसका वर्णन किया गया है / पुस्तक की उपयोगिता देखते हुए मूल्य बहुत कम है / प्रत्येक गृहस्थ को अपने घर में इसको अवश्य रखना चाहिए।" -'सुधा' (लखनऊ) . -0: काम-कुंज भूमिका-लेखक-डा. भगवानदासजी एम० ए० यह पुस्तक कामशास्त्र-सम्बन्धी संसार की प्रायः सभी पुस्तकों के अध्ययन के बाद लिखी गई है। लेखक ने अपने बहुमूल्य चार वर्षों का समय इस पुस्तक के लिखने में व्यय किया है। प्रायः सम्पूर्ण भाषाओं में प्राप्त कामशास्त्र-सम्बन्धो पुस्तकों का तत्त्व कहना अत्युक्ति न होगी। प्राचार्यों के मतमतान्तर पर विद्वान लेखक की टिप्पणी सारगर्भित है। पूर्व-पश्चिम, प्राचीन एवं प्रा.