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________________ अमृतपान यदि आप प्राकृतिक उपाय उषःजलपान से बड़े-बड़े भीषण रोगों का जैसे-अग्निमांद्य, उदर-रोग, मलावरोध, शूल, अम्लपित्त, उदावर्त, संग्रहणी, मूत्राघात, ज्वर, गण्डमाला, नेत्र-रोग, शिरोरोग, अश, शोथ, रक्तपित्त, मेदरोग और प्रतिश्याय आदि नाश करना चाहते हैं, तो इस पुस्तक को अवश्य पढ़िये / भाषा उत्कृष्ट, छपाई-सफाई चित्ताकर्षक / पृष्ठ 48; मूल्य / ) "इसमें नासिका द्वारा जलपान करने को विधि तथा लाभ बताये गये हैं। यह बताया गया है कि इस क्रिया से कौन-कौन कठिन रोगों से छुटकारा मिल सकता है।"-'वर्तमान' (कानपुर) - : दीर्घजीवन यह पुस्तक आपको बतायेगी, कि हवा, भोजन, पानी, वस्त्र, गृह, व्यायाम आदि क्या हैं; उनके क्या कार्य हैं; उनमें कैसे बिगाड़ पैदा होता है, और वे किन रूपों में हमारे जीवन को सुखी, हमारी आयु को दीघ बना सकते हैं। लम्बी आयु के अभिलाषी प्रत्येक व्यक्ति को इस पुस्तक की हर एक पंक्ति अपने हृदय पर लिख लेनी चाहिए। भाषा सरल, कागज छपाई उत्तम; पृष्ठ 34; मू०) ___ “प्राकृतिक स्वास्थ्य के प्रेमियों को अवश्य पढ़नी चाहिये। प्रत्येक गृहस्थ के लिए उपयोगीसिद्ध होगी।-'वर्तमान' (कानपुर)
SR No.004288
Book TitleVanaspati Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHanumanprasad Sharma
PublisherMahashakti Sahitya Mandir
Publication Year1933
Total Pages306
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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