________________ उससे निष्कृति के उपाय बड़े सुन्दर ढंग से बतलाये गये हैं। मस्तिष्क सम्बन्धी बड़ी उपयोगी पुस्तक है।”—'महारथी' (दिल्ली) -:: द-चिकित्सा “दद्रु-रोग का आरंभ, उसकी वृद्धि, उससे होने वाले कष्ट तथा उसकी भारतीय, यूनानी तथा अंग्रेजी चिकित्सा तो दी ही है; साथ-ही दद्रु-नाश के लिए प्राकृतिक,मानसिक, यौगिक, वायु, जल,अन्न, अग्नि, सौर, उपवास और तैल-द्वारा चिकित्सा का जो समावेश कर दिया गया है, उससे पुस्तक की उपयोगिता बहुत अधिक बढ़ गई है। दद्रु-पीड़ित जनता को इस पुस्तक से हर प्रकार का लाभ तो होगा ही, सर्वसाधारण तथा चिकित्सा करनेवाले सज्जन भी इससे बड़ा लाभ उठाएँगे।" बढ़िया कागज; सुन्दर छपाई; पृष्ठ 112, मूल्य ॥)-"भारत" (प्रयाग) -:: जीवन-रक्षा बालक ही राष्ट्र के मूलधन हैं। उनके जीवन की रक्षा से ही राष्ट्र का वास्तविक कल्याण सम्भव है / यह पुस्तक राष्ट्र की इस पूजी की रक्षा करने का बीमा लेती है। यदि इसे बालक पढ़े तो स्वस्थ और सबल हो जायँ, माता-पिता पढ़ें तो आदर्श सन्तान पा जाय / पृष्ठ-संख्या 120; मूल्य // ) "अच्छी पुस्तक है। भाषा सरल, विषय उपयोगी है। स्वास्थ्य- रक्षा के सभी नियम महत्व के हैं। बालकों और नवयुवकों के बड़े काम की पुस्तक है।" -महावीरप्रसाद द्विवेदी