________________ 249 पलाश. डाउनी ब्रांच ब्युटिया-Downy Branch Butiya, और लै० ब्युटिया फ्रान्डाजा-Butiya Frondoza. विशेष विवरण-पलाश के वृक्ष बड़े-बड़े प्रायः नदीतराई और जाङ्गल्यप्रदेशों में होते हैं / इसके पत्ते गोल-गोल प्रायः तीन-तीन आते हैं / पहले जब पत्ते निकलते हैं तब लाल रंग के होते हैं; किन्तु पीछे हरे हो जाते हैं। पत्ता एक ओर हरा और दूसरी ओर सफेदी लिए रोएँदार होता है / फूल की डंठी काली और रंग अत्यन्त सुन्दर होता है / फली लम्बी-लम्बी निकलती हैं / इसके बीज चिपटे और गोल होते हैं। इसके पत्तों की पत्तल और दोने बनते हैं / इसमें से गोंद निकलती है / गुण-पलाशो दीपनो वृष्यः सरोष्णो व्रणगुल्मजित् / भन्नसन्धानकृदोष ग्रहण्यशः कृमीन्हरेत् // कषायः कटुकस्तिक्तः स्निग्धो गुदरोगजित् / तत्पुष्पं स्वादु पाके तु कटु तिक्तं कषायकम् // वातलं कफपित्तास्रकृच्छूजिद् ग्राहि शीतलम् / तृड्दाहशमनं वातरक्तकुष्ठहरं परम् // फलं लघूष्णं मेहार्शः कृमिवातकफापहम् / विपाके कटुकं रूक्षं कुठगुल्मोदरप्रणुत् ॥–भा० प्र० पलाश-दीपक, वृष्य, सारक, उष्ण, व्रण तथा गुल्मनाशक; भमसन्धानकारक तथा ग्रहणी, अर्श और कृमिरोगनाशक एवं कषैला, कड़वा, तीता, चिकना और गुदरोगनाशक है / पलाश का फूल