________________ 247 (15) हृद्रोग में सेमल की छाल दूध में उबालकर एक महीने तक पीना चाहिए। (16) दीर्घजीवन के लिए सेमल की छाल दूध में उबालकर एक वर्ष तक पीना चाहिए। (17) चेचक पर--सेमल के रस में--सफेद चन्दन और मुलेठी घिसकर लगानी चाहिए / म बट सं० हि० ब० बट, म० वड़, गु० बड़, क. पाल, ता० पाल, तै० मर्रि चेटु, अ० जातुनुवाइ बथाब, फा० दरखितरेशा, अँ बनीयन्टी-Banyantree, और लै० फाईकस इंडिकसFicus Indicus. विशेष विवरण-बट का विशाल वृक्ष होता है। इसके पत्ते लम्बे और चौड़े होते हैं। इसके फल झरबेरी के समान होते हैं। इसकी शाखा में लाल रंग के अंकुर निकलते हैं / वे ही बढ़कर भूमि पकड़ लेते हैं / जहाँ यह जम जाता है, वहाँ अनेक बट के वृक्ष हो जाते हैं। भारतवर्ष में प्रायः सभी जगह इसका वृक्ष पाया जाता है। गुण-चटः शीतो गुरुग्राही कफपित्तत्रणापहः / वर्यो विसर्पदाहघ्नः कषायो योनिदोषहृत् ॥-मा० प्र०