________________ नाम भीम 231 गुण-कोमलं पल्लवं चास्य ग्राहको वातकारकः / रक्तपितं नेत्ररोगं कुष्ठं चैव विनाशयेत् ॥-नि० र० नीम के कोमल पत्ते-ग्राही, वातकारक तथा रक्तपिरा, नेत्ररोग और कुष्ठनाशक हैं। गुण-जीर्णपर्ण विशेषेण वणनाशकरं मतम् / –नि ०र० नीम के पुराने पत्ते-विशेष करके वणनाशक हैं। गुण-निम्बवृक्षस्य पुष्पाणि पित्तन्नानि विशेषतः / तिक्तानि च कृमिन्नानि तथा कफहराणि च ॥–शा०नि० नीम का फूल--विशेष करके पित्तनाशक, तीता तथा कृमि और कफनाशक है। गुण-निम्बस्य सूक्ष्मशाखा तु कासश्वासार्शगुल्महा / कृमिमेहहरा प्रोक्ता फलं चामं लघु स्मृतम् // स्निग्धं च भेदकं चोष्णं मेहकुष्ठविनाशकम् / --शा० नि० - नीम की सींक-कास, श्वास, अर्श, गुल्म, कृमि और मेहनाशक है / निमकौड़ी-हलकी, चिकनी, भेदक, गरम तथा मेह और कुष्ठनाशक है। गुण-निम्बबीजस्य मजा तु कुष्ठन्नी कृमिनाशिनी ।-शा० नि० निमकौड़ी की गिरी-कुष्ठ और कृमिनाशक है / गुण-निम्वतैलं तु कुष्ठघ्नं तिक्तं कृमिहरं परम् / शा० नि० नीम का तेल-तीता तथा कुष्ठ और कृमिनाशक है। -गुण-निम्बवृक्षस्य पंचांर्ग रक्तदोषहरं मतम् / . पित्वं कण्डूं व्रणं दाहं कुष्ठं चैव विमाशयेत् ॥–शा० नि०