________________ बनस्पति-विज्ञान 212 (2) वीर्यवृद्धि के लिए-प्रसारिणी का चूर्ण, मिश्री और दूध के साथ सेवन करना चाहिए / (3) चोट पर-प्रसारिणी पीस और गरम करके लगाएँ। अनंतमूल सं० सारिवा, हि० अनंतमूल, ब० अनंतमूल, म० उपलसरी, गु० कपरी, क० सारिवा, तै० नीलतिग, और लै० इंडियन सारसापरिला-Indian Sarsaparilla. विशेष विवरण-अनंतमूल दो प्रकार का होता है / १सफेद, और २-काला / सफेद को सारिवा और काले को कृष्ण सारिवा कहते हैं / अनंतमूल की लता होती है / इसकी पत्ती अनार के समान होती है। किन्तु उसमें सफेद रंग की छींटे होती हैं / इसकी जड़ से कपूरकचरी-जैसी गंध निकलती है / इसमें एक साथ दो-दो फलियाँ आती हैं। लोग इसे सारसापरिला भी कहते हैं / गुण-श्वेता तु सारिवाशीता मधुरा शुक्रला गुरुः / स्निग्धा तिक्ता सुगन्धिश्च कुष्ठकण्डूज्वरापहा // देहदौर्गन्ध्याग्निमांद्यश्वासकासारुचीहरा / आमत्रिदोषविषहृदक्तरुक्प्रदरापहा // कफातिसारतृड्दाहरक्तपित्तहरा परा। वातनाशकरी प्रोक्ता ऋषिभिस्तत्वदर्शिभिः // -रा० नि० सफेद अनंतमूल-शीतल, मधुर, शुक्रल, भारी, स्निग्ध,