________________ 197 कपास विशेष उपयोग (1) शीतज्वर में-मेउड़ी की पत्ती और कालीमिर्च पीसकर पीना चाहिए। (2) थकान दूर करने के लिए-मेउड़ी के काढ़े से स्नान करना चाहिए। (3) वीर्यवृद्धि के लिए-मेउड़ी और मिश्री का समभाग चूर्ण, दूध के साथ सेवन करना चाहिए / (4) घाव में कीड़ा पड़ जाने पर-मेउड़ी का रस छोड़ना चाहिए। (5) घाव पर-मेउड़ी के छाल का कोयला, घी में घोट कर लगाना चाहिए। . (6) खाँसी में-मेउड़ी और मुलेठी का काढ़ा पीएँ / (7) श्वास में मेउड़ी के रस में कालीमिर्च का चूर्ण और शहद मिलाकर पीना चाहिए कपास सं० कार्पास, हि० कपास, ब० कार्पास, म० कापशी, गु० कपास, क० हत्ति, तै० पत्तिचेटु, अ० कुतन, फा० कुतुन, अँ० काटन प्लॉट-Cottenn Plant, और लै० गासपायं अरपेश्यGossypium Heurpcem. विशेष विवरण--कपास के पेड़ देश में प्रायः सर्वत्र पाये