________________ सरफोंका ( 5 ) बहुमूत्र में विदारीकंद का चूर्ण एक सेर, घी के साथ भूनकर तथा लौंग, इलायची, जायफल, जावित्री, तज और पिपरामूल समभाग तथा सबों का चतुर्थाश सोंठ एवं षोड़शांश पीपर का चूर्ण तथा सबके बराबर मिश्री मिलाकर दो-दो तोले वजन का मोदक बनाकर सुबह-शाम दूध के साथ खाना चाहिए / ( 6 ) हैजा में-सफेद विदारीकंद खाना चाहिए / (7) सिर-दर्द पर-विदारीकंद पीसकर लेप करें। सरफोंका सं० शरपुंखा, हि० सरफोंका, ब० वननील, म. उन्हाली, क० येरडुकागि, ता. कोल्लकवकेल्लपि, तै० प्रांगोराचे?, अँ परपलटेफ्राज़िया-Purpletephrosia, और लै० टेफ्रोजियापरपूरिया- ephrosia Purpurea. विशेष विवरण-सरफोंका का वृक्ष होता है / इसके पत्ते नील के पत्ते के समान होते हैं। फूल लालरंग के; किन्तु बारीक होते हैं। फलियों के ऊपर रोंआ होता है। वह दो प्रकार का होता है। दूसरे प्रकार वाले के फल पर रोंआ नहीं होता। सफेद सरफोंका का छत्ता फैला रहता है। इसके पत्ते लाल सरफोंका की अपेक्षा कुछ छोटे होते हैं / इसका फूल सफेद होता है / इसकी मात्रा चार माशे तक की मानी गई है / दूसरे की पाँच माशे तक की है /