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________________ 172 वनस्पति-विज्ञान (6) विरेचन के लिए-जवास-शर्करा जौ के आटा के साथ पीना चाहिए। (7) शरीर पुष्टि के लिए-जवास-शर्करा दूध के साथ लें। निसोथ सं० त्रिवृत, हि० निसोथ, ब० तेड्डी, म० तेंड, गु० नसोतर, क० तिगड़े, ता. शिवदइ, तै० पालतेगडा, अ. तुरबुद, फा० निसोथ, अँ० टरविथरूट-Turbithroot, और लै० आइमोपियांटरपीथम-Ipomoeaturpethum. विशेष विवरण-निसोथ का पेड़ जंगलों में होता है। इसमें सफेद फूल आते हैं / फल गोल-गोल होते हैं। प्रत्येक फल में चार-चार बीज निकलते हैं। इसके पत्ते नोकदार तथा गोल होते हैं। इसके पेड़ की लकड़ी में तीन धारें होती हैं। यह तीन प्रकार का होता हैकिन्तु सबों में उत्तम सफेद होता है। ___ काले निसोथ का भी पेड़ होता है / इसके फूल कालिमा लिए बैंगनी रंग के होते हैं / पत्ते गोल-गोल पहले ही की तरह होते हैं। किन्तु उससे कुछ छोटे होते हैं / फल भी उसकी अपेक्षा कुछ छोटे होते हैं / बाको सब आकार-प्रकार मिलता-जुलता होता है / सफेद, काला और लाल तीन प्रकार का निसोथ फूलों के रंग-भेद से होता है / यह तीनों प्रकार का निसोथ विरेचक है किन्तु सबों में
SR No.004288
Book TitleVanaspati Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHanumanprasad Sharma
PublisherMahashakti Sahitya Mandir
Publication Year1933
Total Pages306
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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