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________________ 147 बंदाल ___ नागदौन.-चरपरा, कड़वा, तीता, हलका तथा पित्त, कफ, मूत्रकृच्छ, व्रण, राक्षसवाधा और जालगर्दभरोग नाशक है / सर्वग्रह प्रशामक एवं विशेष करके विष नाशक है / सब जगह विजय प्राप्त करनेवाली एवं धन और सुमति दायक है। . विशेष उपयोग (1) सब प्रकार के विषों परनागदौन की जड़, शीतल जल के साथ घिसकर पिलाने से वमन होकर विष नष्ट हो जाता है। (2) स्त्रियों की कमर टेढ़ी हो जाने पर-नागदौन का पत्ता पीसकर लगाना तथा कमर पर बाँधना चाहिए। (2) बच्चों का कफ निकालने के लिए -नागदौन का पत्ता गरम करके तथा रस निकालकर पिलाने से वमन-द्वारा कफ निकल जाता है। बंदाल सं० देवदाली, हि० बंदाल, ब० देयाताड़ा, म० देवदाली, गु० कुकड़वेल्य, क० देवडंगर, तै० डातरगण्डि, अँ० ब्रिस्टली लुफाBristly Luffa, और लै० लुफा एकिनेटा-Luffa Echi nata. विशेष विवरण-इसकी एक लता होती है। किसान लोग इसे खेत के चारों ओर लगा देते हैं। फूल-सफेद, पीले
SR No.004288
Book TitleVanaspati Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHanumanprasad Sharma
PublisherMahashakti Sahitya Mandir
Publication Year1933
Total Pages306
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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