________________ 143 हुरहुज हुरहुज-कटु, शीतल, तीती, अत्यन्त पित्तकारक, रूखी, म्वादिष्ट, कड़वी तथा कफ, वात, व्रण, शीतज्वर, भूतवाधा, ग्रहपीड़ा, प्रमेह, कृमि रोग, कुष्ट और त्वचा दोष नाशक है / गुण-आदित्यपत्रा वीर्योष्णा कटी संदीपनी मता / स्वर्या रसायनी तिक्ता तुवरा च सरा मता // रूक्षा लघ्वी च संप्रोक्ता कफवातविनाशिनी। रक्तदोपं ज्वरं श्वासं कासं विस्फोटकं तथा // कष्टं मेहं चारुचिं च योनिशूलं तथाश्मरीम् / मूत्रकृच्छू पाडुरोग गुल्मं चैव विनाशयेत् ॥-नि० र० हुरहुज का पत्ता-उष्णवीर्य, कड़वा, संदीपन, स्वर्य, रसायन, नीला, कपैला, सारस, रूखा, हलका तथा कफ, वात, रक्तदोष, कार, थाल, कास, विस्फोट, कुष्ठ, प्रमेह, अरुधि, योनिशूल, पथरी, जून माहुरोग एवं गुम नाशक है / विशेष उपयोग ( 1) भूतज्वर में --हुरहुज का फूल कान में रखना चाहिए / (2) शीघ्र प्रसव के लिए-हुरहुज का फूल बालों में बाँधना चाहिए। (3) बच्चों का पेट भारी होने पर --हरहुज के फूल का रस दूध में मिलाकर शक्ति के अनुसार दस बूंद तक दें। (4) बिच्छू के विष पर-हुरहुज के पत्ते के रस की नास लेनी चाहिए।