________________ 21. बहत्कल्पभाष्य, भाग 1 22. दशवैकालिक चूर्णि, प.-102 23. निशीथ चूर्णि, भाग 4 गाथा 6397 (अठ्ठपत्ति ववहारो) 24. पथिव्या लाभे पालने च यावन्त्यर्थ शास्त्राणि पूर्वाचार्यैः प्रस्तावितानि प्रायशस्तानि संहृत्येकमिदमर्थशास्त्रं कृतम्। - कौटिलीय अर्थशास्त्र 1.1 25. ईस अत्थसत्थ रहचरियसिक्खा कुसले आयरिउ। वसुदेवहिण्डी-संघदासगणि, भाग 1 26. जैन, प्रेमसुमन (डॉ.) जैन धर्म और जीवन मूल्य, अध्याय पंचदश, प. 125 (41)