________________ 21. उपासकदशांग टीका पृ. 29-30 22. उवासगदसाओ 1/15 23. आवश्यक सूत्र, तीसरा अणुव्रत 24. उवासगदसाओ 1/15 25. कोठारी, सुभाष (डॉ.) उपासकदशांग : एक परिशीलन, पृ.-101 26. उवासगदसाओ 1/47, तत्वार्थसूत्र, पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, सागारधर्मामत आदि में भी शब्दों के फेर के साथ इन अतिचारों का उल्लेख हैं। 27. उपासकदशांग टीका पृ. 31 28. वही प.-32, श्रावकप्रज्ञप्ति टीका 159, प्रश्नोत्तर श्रावकाचार 14/34 29. उवासमदसाओ 1/16 30. उवासगदसाओ 1/48 31. जैन, सागरमल (डॉ.) जैन, बौद्ध तथा गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन, भाग 2, पृ.-282 32. उपासकदशांग टीका प. 32, सर्वार्थसिद्धि 7/28, श्रावकप्रज्ञप्ति टीका 2/73 33. उवासगदसाओ 1/49 34. उत्तराध्ययन सूत्र 9/48 35. ठाणांग सूत्र 3/1/113 36. उवासगदसाओ 1/21-27 37. हिरण्य-सुवर्ण में रत्न-मणियों को भी गिना जाता है। लाटी संहिता 5/105 106 38. सूत्रकृतांग सूत्र छठा अध्ययन 39. दशवैकालिक-सूत्र 4/16, उत्तराध्ययन-सूत्र अध्ययन 19, मूलाचार 112 113, भगवती आराधना 6-1186 गाथा एवं 6-1207 गाथा। 40. उत्तराध्ययन-सूत्र 17,16 (208)