________________ 21. आचारांग सूत्र 1/9/2/2 22. ज्ञाताधर्मकथांग 1/85 23. आचारांग 2/6/1/247 24. निशीथ चूर्णि भाग 3, गाथा 4313 25. उत्तराध्ययन 36.73-74, सूत्रकृतांग 2, 3.61, प्रज्ञापना 1.17 एवं निशीथ सूत्र 4.39 26. ठाणांग 9/22, 27. उत्तराध्ययन सूत्र 36/75 एवं उत्तराध्ययन सूत्र 36/76 व प्रज्ञापना 1/17 28. णंदे णामं मणियार सेट्ठी - ज्ञाताधर्मकथांग 13/6 29. ज्ञाताधर्मकंथांग, उपासकदशांग, विपाक सूत्र आदि ग्रन्थों में अनेक स्थलों ____ पर रत्नजड़ित की सूचनाएँ मिलती हैं। . 30. जैन, जगदीशचन्द्र (डॉ.) जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, पृ.-143 (116)