________________ 30 प्राकृत पाठ-चयनिका 8. तेअ-दुरालोएहिं अन्तो-उवरिं घराण रयणेहिं / छूढ व्व निरवसेसा सरिआहिव-संपया जत्थ // 8 // 9. विज्जु-चलं महुर-गिरो दिन्तो लच्छि जणो छुहत्ताण / भिसओ खु जहा सरओ दिसाण पाउस-किलन्ताण // 9 // 10. जत्थच्छरस-मण-हरो वहूहि रमिरोवि अच्छर-समाहिं / दीहाऊवि अदीहाउस-माणी सइ विवेइ-जणो / / 10 / / 11. कुसुम-धणू धणुह-धरो कउहा-मुह-मण्डणम्मि चन्दंमि / रज्जं तम् एगॅ-छत्तं असंकमवउवभुंजए जत्थ // 11 //