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________________ P "श्रीवेंकटेश्वर" छापाखानेकी परभोपयोगी, स्वछ, शुद्ध और सस्ती पुस्तकें / यह विषय आज 35 / 40 वर्षसे अधिक हुआ भारतवर्ष में प्रसिद्ध है कि, इस छापाखानाकी छपी हुई पुस्तकें सर्वोत्तम और सुन्दरप्रतीत तथा प्रमाणित हुँईहै / इस यन्त्रालयमें प्रत्येक विषय को पुस्तकें जैसे-वैदिक, वेदान्त, पुराण, धर्मशास्त्र, न्याय, मीमांसा, छन्द, ज्योतिष, साम्प्रदायिक, काव्य, अलंकार, चम्पू, नाटक, कोष, बैद्यक, तथा स्तोत्रादि संस्कृत और हिन्दीभाषाके प्रत्येक अवसरपर बिक्री के अर्थ तैयार रहतेहैं / शुद्धता, स्वच्छता तथा कागजकी उत्तमता और जिल्द की बधाई देशभर में विख्यात है। इसनी उत्तमता होनेपर भी दाम बहुत ही सस्ते रक्खे गये और कमिशन भी प्रथक काट दिया जाता है।। ऐसी सरलता पाटकों को मिलना असंभव / संस्कृत सथा हिन्दीके रसिकोको अवश्य अपनी 2 आवश्यकतानुसार पुस्तकोंके गाने में मुटि न करनाचाहिये. ऐसा उत्तम, सस्ता और शुद्ध पाल दूसरी जगह मिलना असम्भव है)। भेजकर 'चीपत्र' मंगा देखो // . स्तक मिलनेका ठिकाना खेमराज श्रीकृष्णदास. "श्रीबेटेश्वर" छापाखाना खेतवाडी-मुम्बई.
SR No.004276
Book TitleVaidyavallabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastikruchi Kavi
PublisherHastikruchi Kavi
Publication Year1843
Total Pages78
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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