SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भाषाटीकासमेत / (9) अथ युवतीरोगाधिकारः // गर्भधारणप्रयोगः // सगर्भामहिषीदुग्धमजामूत्रेण या पिबेत् // सानारीलभतेगर्भमेतद्धस्तिकवेर्मतम् // 1 // भाषाटीका॥ ग्याभन सको दूध बकरीके मूत्र के संगपीवे सो स्त्रीके गर्भ रहै ये प्रमाण हस्विकविके मतका है // 1 // पुनः॥ ऋतौरुद्रजटांनीत्वागोघृतेन च या पिबेत् // सानारीलभतेगर्भमेतद्धस्तिकवेर्मतम् // 2 // भाषाटीका // रजस्वलाई लुगाई बड़की जटा लाय गऊके घृतमें पीवे सोनारीके गर्भरहै नईस्त्री जवानके संभोगसों ये प्रमाण हस्विकविके मतको है // 2 // पुनः॥ नागकेशरसंयुक्तंजीरकंगोघृतेनच // त्रिदिनंयापिबेत्रारी सगर्भा भामिनी भवेत् // 3 // भाषाटीका // नागकेशर और जीरों ये गायके धीमें तीनदिन पीवे लुगाई वौ गर्भ रहजाय // 3 // पुनः॥ / समूलपत्रसाक्षीरविवारेसमुद्धरेत् // एकवर्णगवांक्षीरैःकन्याहस्तेनमर्दयेत् // 4 // - ऋतुकालेपिवेद्वन्ध्यापलार्धदिनसप्तकम् // 1 नवतारुण्यसंगमेइतिपाठान्तरम् //
SR No.004276
Book TitleVaidyavallabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastikruchi Kavi
PublisherHastikruchi Kavi
Publication Year1843
Total Pages78
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy